माणिक सरकार ने भाजपा पर ड्रग डीलरों को शरण देने का लगाया आरोप

भाजपा पर असामाजिक तत्वों, ड्रग डीलरों और सीमा पार अपराधियों को शरण देने का आरोप लगाया है

माणिक सरकार ने भाजपा पर ड्रग डीलरों को शरण देने का लगाया आरोप

अगरतला:  त्रिपुरा में विपक्षी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर (भाजपा) पर असामाजिक तत्वों, ड्रग डीलरों और सीमा पार अपराधियों को शरण देने का आरोप लगाया है।माकपा ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी के नेता प्रशासन के साथ अपनी घनिष्ठता का दुरुपयोग कर अपने अवैध व्यापार को अंजाम दे रहे हैं हालांकि, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीब भट्टाचार्य ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि ऐसे बयान प्रेरित और अपमानजनक हैं।उन्होंने कहा, ''भाजपा कभी किसी तरह के अपराध में शामिल नहीं रही और अपराधियों के लिए पार्टी में कोई जगह नहीं है। लेकिन अगर कुछ अपराधी अपने निजी उद्देश्यों के लिए भाजपा का नाम लेते हैं, तो पार्टी इसकी जिम्मेदारी नहीं उठा सकती। सरकार ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस को पूरी स्वायत्तता दी और पार्टी कभी भी किसी अपराधी के साथ खड़ी नहीं रहती है।”दक्षिण त्रिपुरा के बेलोनिया में एक पार्टी रैली को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य माणिक सरकार ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मानव तस्करी, नशीली दवाओं की तस्करी और सीमा पार अपराधों के आरोप में जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें से अधिकांश सीमावर्ती इलाकों से हैं। सभी अपराधियों की त्रिपुरा के सक्रिय भाजपा कार्यकर्ताओं के रूप में पहचान की गई।गौरतलब है कि मानव तस्करों, ड्रग डीलरों और सीमा पार अपराधियों के खिलाफ एनआईए द्वारा आठ नवंबर को चलाये गये देशव्यापी कार्रवाई अभियान के दौरान उनोकोटी, पश्चिम त्रिपुरा, खोवाई, सिपाहीजाला और दक्षिण त्रिपुरा जिलों के सीमावर्ती स्थानों से 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।हालांकि,श्री सरकार ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के कुछ मंत्रियों के पैतृक गाँवों में भांग के बागान हैं और कहा, “जब हमने एनआईए बंदियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करना शुरू किया तो पता चला कि उनमें से 24 के सत्तारूढ़ दल से संबंध हैं।”श्री सरकार ने भविष्यवाणी की कि भाजपा मौजूदा चुनावों में सभी पांच राज्यों को हार जाएगी।उन्होंने कहा, “उभरती स्थिति यह स्पष्ट करती है कि भाजपा के पास उन राज्यों में फिर से चुने जाने का कोई मौका नहीं है जहां वह शासन कर रही है। जिन राज्यों में कांग्रेस सत्ता में है, वहां भी भाजपा के पुनर्जीवित होने की गुंजाइश कम है और ये सभी कारक 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की अंतिम हार का संकेत हैं।