ओडिशा सरकार ने सात औद्योगिक परियोजनाओं को मंजूरी दी

यह इकाई चार अरब यूनिट पेरासिटामोल, मेटफॉर्मिन, इबुप्रोफेन और अन्य दवाओं का उत्पादन करेगी

ओडिशा सरकार ने सात औद्योगिक परियोजनाओं को मंजूरी दी

भुवनेश्वर : ओडिशा सरकार ने 80,125 करोड़ रुपये की लागत वाली सात प्रमुख औद्योगिक परियोजनाओं को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में गुरुवार रात 35वीं उच्च स्तरीय मंजूरी प्राधिकरण (एचएलसीए) की बैठक में इस्पात, हरित ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स और रसायन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राज्य के खुर्दा, जगतसिंहपुर, झारसुगुड़ा, गंजम और भद्रक जिलों में स्थित इन परियोजनाओं का उद्देश्य ओडिशा की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देना और राज्य के आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि देश में पैरासिटामोल की प्रमुख उत्पादक कंपनी ग्रैन्यूल्स लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड 1,100 करोड़ रुपये के निवेश से टाटा सेज, गोपालपुर, गंजम में एक फार्मास्युटिकल इकाई स्थापित करेगी। यह इकाई चार अरब यूनिट पेरासिटामोल, मेटफॉर्मिन, इबुप्रोफेन और अन्य दवाओं का उत्पादन करेगी।

उन्होंने बताया कि ग्रैन्यूल्स सीजेडआरओ प्राइवेट लिमिटेड अपने फार्मास्युटिकल उत्पादों जैसे पैरा एमिनो फिनोल, डीसीडीए और डीएमए एचसीएल के लिए एक हरित स्पेशलिटी केमिकल संयंत्र भी स्थापित करेगा, जिसे 2,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ गंजम जिले के गोपालपुर स्थित टाटा सेज में स्थापित किया जाएगा। इसी प्रकार एसीएमई ग्रीनटेक ऊर्जा प्राइवेट लिमिटेड सोलर पीवी के सिलिका के लिए एक एकीकृत विनिर्माण इकाई स्थापित करेगी। खुर्दा में 36,000 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित हरित ऊर्जा सुविधा से 10 गीगावॉट सौर पैनलों का उत्पादन होगा।

सूत्रों के मुताबिक देश का सबसे बड़ा सौर पैनल निर्माता, वारी क्लीन एनर्जी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड जगतसिंहपुर जिले में 12,480 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 1.20 एमएमटीपीए ग्रीन अमोनिया संयंत्र स्थापित करेगा। वहीं ईजी सोलविन हाइब्रिड प्राइवेट लिमिटेड 6,330 करोड़ रुपये के निवेश के साथ टाटा सेज, गोपालपुर, गंजम में 0.30 टन ग्रीन अमोनिया उत्पादन इकाई स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि सभी सात परियोजनाओं के माध्यम से राज्य में 24,552 लोगों के लिए रोजगार का अवसर उत्पन्न होने का अनुमान है। इन परियोजनाओं के आगे बढ़ने के साथ ओडिशा की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण वृद्धि होने का अनुमान है, जो पूर्वी भारत में निवेश और औद्योगिक विकास के लिए शीर्ष विकल्प के रूप में राज्य की स्थिति मजबूत करेगा।