पारदर्शिता और सुशासन हमारी पहचान : पीएम मोदी

कहा, सरकारी नियुक्तियों में खत्म हुआ भाई-भतीजावाद व भ्रष्टाचार

पारदर्शिता और सुशासन हमारी पहचान : पीएम मोदी

नई दिल्ली : नरेन्द्र मोदी ने आज रोजगार मेले के तहत 70,126 नव-नियुक्त कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों पर जबरदस्त तरीके से निशाना साधा। उन्होंने सरकारी नौकरियों में नियुक्तियों में ‘भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार’ को बढ़ावा देने के लिए ‘परिवारवादी’ राजनीतिक दलों पर निशाना साधा और कहा कि ऐसी पार्टियों ने विभिन्न पदों के लिए अपने ‘रेट कार्ड’ से युवाओं को लूटा है जबकि उनकी सरकार उनके उज्ज्वल भविष्य को ‘सुरक्षित’ करने के लिए काम कर रही है। 

विपक्षी दलों पर निशाना

मोदी ने कहा कि एक तरफ परिवारवादी पार्टियां हैं, भ्रष्टाचार करने वाली पार्टियां हैं, देश के नौजवानों को लूटने वाली पार्टियां हैं... उनका रास्ता है ‘रेट कार्ड’ जबकि हम युवाओं के भविष्य को ‘सेफ गार्ड’ करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेट कार्ड आपके सपनों को चूर-चूर कर देते हैं जबकि हम आपके संकल्पों को साकार करने में लगे हैं। आपकी और आपके परिवार की सभी इच्छाओं और आकांक्षाओं को ‘सेफ गार्ड’ करने में लगे हैं।

पारदर्शिता और सुशासन हमारी पहचान

मोदी ने कहा कि देश में चल रहा यह रोजगार अभियान पारदर्शिता और सुशासन का भी प्रमाण है। हमने देखा है कि कैसे हमारे देश में परिवारवादी राजनीतिक दलों ने हर व्यवस्था में भाई-भतीजावाद को बढ़ावा दिया। जब सरकारी नौकरी की बात आती थी तो भी ये भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार ही करते थे। उन्होंने कहा कि देश के करोड़ों लोगों के साथ इन पार्टियों ने विश्वासघात किया है। हमारी सरकार पारदर्शिता भी लाई है और हमने भाई-भतीजावाद को भी खत्म किया है।

जनता-जनार्दन के धन का होता था दुरूपयोग

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये रोजगार मेले एनडीए और भाजपा सरकार की नई पहचान बन गए हैं। मुझे खुशी है कि बीजेपी के शासन वाली सररकारें भी लगातार इस तरह के रोजगार मेलों का आयोजन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग इस समय सरकारी नौकरी में आ रहे हैं उनके लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण समय है। आपके सामने अगले 25 साल में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य है। मोदी ने कहा कि आज भारत एक दशक पहले की तुलना में ज्यादा स्थिर, ज्यादा सुरक्षित और ज्यादा मजबूत देश है। राजनीतिक भ्रष्टाचार, योजनाओं में गड़बड़ी और जनता-जनार्दन के धन का दुरूपयोग... पुरानी सरकारों में यही पहचान बन गई थी लेकिन आज भारत सरकार की पहचान उसके निर्णायक फैसलों से हो रही है। आज भारत सरकार की पहचान उसके आर्थिक और प्रगतिशील सामाजिक सुधारों से हो रही है।