तुर्की के स्वीडन को नाटो में शामिल होने के प्रस्ताव को मंजूरी देने की उम्मीद नहीं

पिछले सप्ताह स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम मस्जिद के बाहर पवित्र मुस्लिम पुस्तक को जलाने के बाद दोनों पक्षों के बीच सुलह कराने के नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग का प्रयास गुरुवार को विफल हो गया।

तुर्की के स्वीडन को नाटो में शामिल होने के प्रस्ताव को मंजूरी देने की उम्मीद नहीं

अंकारा - स्वीडन में कुरान जलाये जाने के घटना के मद्देनजर अगले सप्ताह विनियस में होने वाली उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) नेताओं के शिखर सम्मेलन में स्वीडन को नाटो में शामिल होने के प्रस्ताव का तुर्की की ओर से अनुमोदन करने की उम्मीद नहीं है।

पिछले सप्ताह स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम मस्जिद के बाहर पवित्र मुस्लिम पुस्तक को जलाने के बाद दोनों पक्षों के बीच सुलह कराने के नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग का प्रयास गुरुवार को विफल हो गया। स्टोलटेनबर्ग ने ब्रसेल्स में तुर्की और स्वीडिश विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद कहा कि स्वीडन की सदस्यता ‘पहुंच के भीतर’ थी। वह विनियस सभा की पूर्व संध्या पर सोमवार को तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन और स्वीडिश प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टरसन के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे।

तुर्की विशेषज्ञ गैरेथ जेनकिंस ने बताया, “ मुझे लगता है कि अब तुर्की संसद के लिए विनियस में गठबंधन के शिखर सम्मेलन से पहले नाटो में शामिल होने के लिए स्वीडन के आवेदन को मंजूरी देना बहुत मुश्किल होगा। कुरान को जलाने की घटना को तुर्की मीडिया में बहुत कवरेज मिला और सार्वजनिक रूप से इसकी निंदा की गई है। ”

स्टॉकहोम में सुरक्षा और विकास नीति संस्थान में संयुक्त केंद्र सिल्क रोड अध्ययन कार्यक्रम और तुर्की केंद्र के एक अनिवासी वरिष्ठ अनुसंधान साथी जेनकिंस ने कहा कि उन्हें अभी भी उम्मीद है कि तुर्की 2023 के अंत से पहले नाटो में स्वीडन के प्रवेश की पुष्टि करेगा। उन्होंने कहा कि उनका सुझाव है कि अंकारा को शांत होने के लिए समय चाहिए।

इस बीच, तुर्की विदेश नीति संस्थान के अध्यक्ष और अंकारा में मध्य-पूर्व तकनीकी विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर हुसैन बागसी ने कहा कि तुर्की 11-12 जुलाई के शिखर सम्मेलन में स्वीडन के प्रविष्टि की पुष्टि करने से इनकार नहीं करेगा, लेकिन वह इसके लिए और समय मांगेगा।

श्री बागसी ने कहा कि स्वीडन के सहयोगी देश की संस्कृति और धार्मिक परंपराओं की उपेक्षा करते हुए गठबंधन में शामिल होने का प्रयास ‘दो कुर्सियों पर बैठने’ की कोशिश है। उन्होंने कहा कि एक इराकी प्रवासी द्वारा कुरान की एक प्रति जलाने से ‘सभ्यताओं का टकराव’ पैदा हो गया है, इसका लंबे समय में तुर्की-स्वीडिश संबंधों पर असर पड़ेगा।