भाजपा-जजपा सरकार प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं को कमजोर करने का कार्य कर रही है-कुमारी सैलजा

कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार पंचायती राज संस्थाओं में चुनकर आए प्रतिनिधियों के हकों को छीनने का कार्य कर रही है। सरकार के नए फैसले के अनुसार दो लाख रुपये तक के विकास कार्यों की स्वीकृति चुने हुए जनप्रतिनिधियों द्वारा उनके स्तर पर दी जा सकती है। दो लाख से ऊपर के विकास कार्य ई-टेंडर के जरिए हो सकेंगे।

भाजपा-जजपा सरकार प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं को कमजोर करने का कार्य कर रही है-कुमारी सैलजा

चंडीगढ़- अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं को कमजोर करने का कार्य कर रही है। सरकार द्वारा गांवों में दो लाख रुपयों से ऊपर के विकास कार्य ई-टेंडर से करवाना सरासर गलत है। सरकार को पंचायती राज संस्थाओं में चुनकर आए प्रतिनिधियों को उनका अधिकार वापस देना चाहिए।

 

कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार पंचायती राज संस्थाओं में चुनकर आए प्रतिनिधियों के हकों को छीनने का कार्य कर रही है। सरकार के नए फैसले के अनुसार दो लाख रुपये तक के विकास कार्यों की स्वीकृति चुने हुए जनप्रतिनिधियों द्वारा उनके स्तर पर दी जा सकती है। दो लाख से ऊपर के विकास कार्य ई-टेंडर के जरिए हो सकेंगे। सरकार के इस फैसले से गांवों में विकास कार्य प्रभावित होंगे। सरपंच लगातार इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। मगर सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। इससे पहले भी सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं में  राइट टू रिकॉल बिल लाकर अपनी विकास विरोधी सोच का परिचय दिया था।

 

कुमारी सैलजा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी ने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा देकर उन्हें मजबूत करने का कार्य किया। पंचायती राज संस्थाएं विकास कार्य कर सकेंइस सोच के साथ राजीव गांधी जी ने देश में पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त किया। मगर यह सरकार लगातार पंचायती राज संस्थाओं पर हमले कर उन्हें कमजोर करने का प्रयास कर रही है।

 

कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार इस जनविरोधी फैसले को तुरंत वापस ले और पुरानी नीति को ही लागू करे। सरपंचों को 50 लाख तक के विकास कार्य अपने स्तर पर कराने की छूट देताकि गांवों में विकास हो सकें।

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