पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को मिली जमानत

साइबर सुरक्षा फर्म ने फोन अवैध रूप से टैप करके 4.54 करोड़ रुपये कमाए

पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को मिली जमानत

नई दिल्ली ।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एनएसई कर्मचारियों के कथित अवैध फोन टैपिंग से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को जमानत दे दी। दिल्ली की एक अदालत ने फोन टैपिंग मामले में उन्हें पहले ही जमानत दे दी थी।

मामला क्या है?

इससे पहले मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत से इनकार करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश ने कहा था कि साइबर सुरक्षा फर्म ने एनएसई कर्मचारियों के फोन अवैध रूप से टैप करके 4.54 करोड़ रुपये कमाए। फर्म साइबर कमजोरियों के आवधिक अध्ययन की आड़ में एनएसई कर्मचारियों के फोन कॉलों को अवैध रूप से इंटरसेप्ट करती थी। न्यायाधीश ने कहा कि आईएसईसी को अवैध गतिविधि से पैसा हासिल करने की अनुमति देकर एनएसई को मौद्रिक नुकसान हुआ। जब एनएसई के अधिकारियों और आईएसईसी के बीच सौदे को अंतिम रूप दिया गया, तो निजी फर्म का प्रतिनिधित्व मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे ने किया।

सीबीआई को संदेह था कि एनएसई के पूर्व प्रमुख, चित्रा रामकृष्ण और रवि नारायण, यह पता लगाना चाहते थे कि क्या कर्मचारी एक्सचेंज से संबंधित जानकारी पर चर्चा कर रहे थे या लीक कर रहे थे। चित्रा रामकृष्ण को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मार्च, 2022 में गिरफ्तार किया था। एक अदालत द्वारा उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के बाद उन्हें दिल्ली में हिरासत में ले लिया गया था। उन्होंने 2013 और 2016 के बीच एनएसई के सीईओ के रूप में कार्य किया।