संसद सत्र से पहले केंद्र सरकार ने सभी दलों के नेताओं के साथ मिलकर सर्वदलीय बैठक बुलाई

महिला आरक्षण विधेयक लाने पर क्षेत्रीय दलों का फोकस, संसद में पारित कराए जाने पर दिया जोर

संसद सत्र से पहले केंद्र सरकार ने सभी दलों के नेताओं के साथ मिलकर सर्वदलीय बैठक बुलाई

नई दिल्ली : संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से आयोजित होने वाला है। संसद का यह सतरा पांच दिवसीय होगा जिसमें कई हैरान करने वाले प्रस्ताव लाए जा सकते हैं। संसद के विशेष सत्र के आयोजन से पहले केंद्र सरकार ने रविवार को सभी दलों के नेताओं के साथ मिलकर सर्वदलीय बैठक बुलाई है। सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान बीजू जनता दल और भारत राष्ट्र समिति यानी बरस समेत कई क्षेत्रीय दलों ने हिस्सा लिया। इस बैठक के दौरान सभी दलों ने एकमत होकर महिला आरक्षण विधेयक को संसद में पेश किए जाने की मांग की। बीजद और बीआरएस नेताओं ने इस दौरान महिला आरक्षण विधेयक को पेश करने और संसद में पारित कराए जाने पर जोर दिया। 

जानकारी के मुताबिक सर्वद्रीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए कांग्रेस सांसद प्रमुख उद्योग तिवारी भी संसद भवन परिसर पहुंचे थे। इस दौरान सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सर्वदलीय बैठक के दौरान महंगाई, बेरोजगारी, सामाजिक संघर्ष और मणिपुर में हुई हिंसा जैसी स्थिति के मुद्दों पर आवाज उठाएगी। बता दें कि इस सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, पूर्व प्रधानमंत्री और जद (एस) नेता एच.डी. देवेगौड़ा, द्रमुक सांसद कनिमोझी, तेदेपा के राम मोहन नायडू, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, बीजद के सस्मित पात्रा, बीआरएस नेता के. केशव राव, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वी. विजयसाई रेड्डी, राजद के मनोज झा, जदयू के अनिल हेगड़े और समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने बैठक में हिस्सा लिया।

बता दें कि सर्वदलीय बैठक के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा में सदन के उपनेता एवं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, राज्यसभा में सदन के नेता और संसदीय कार्य मंत्री पहलाद जोशी ने बैठक में सरकार की तरफ से प्रतिनिधित्व किया। सरकार द्वारा बुलाई गई विशेष सत्र के लिए सूचीबद्ध एजिंदे का मुख्य विषय संविधान सभा से शुरू हुई संसद की 75 वर्ष की यात्रा पर एक विशेष चर्चा है।