बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए सहभागी बने आमजन - डीसी

बाल श्रम कानूनी अपराध, आमजन की सतर्कता ला सकती है बच्चों के भविष्य में उजाला - डीसी, बाल श्रम रोकने के लिए ‘पेंसिल’ पोर्टल या चाइल्ड हेल्पलाइन पर दें जानकारी

बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए सहभागी बने आमजन - डीसी

यमुनानगर - उपायुक्त राहुल हुड्डा ने कहा कि बाल श्रम एक कानूनी अपराध है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की ओर से बाल श्रम को रोकने के लिए श्चद्गठ्ठष्द्बद्य.द्दश1.द्बठ्ठ/ पोर्टल शुरू किया गया है। उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि वे ऐसे बच्चे जो बाल श्रम के दलदल में फंसे हुए हैं उनकी जानकारी श्रम विभाग के ‘पेंसिल’ पोर्टल, पुलिस थाने पर या चाइल्ड टोल फ्री हेल्पलाइन 1098 पर दें। आपकी थोड़ी सी सतर्कता ऐसे बच्चों के बिगड़ते भविष्य को सुधार सकती है और इन बच्चों का भविष्य में उजाला ला सकती है। उन्होंने आह्वïान किया कि कोई भी व्यक्ति कहीं भी बाल श्रमिकों को कार्य करते देखें तो उसकी सूचना तुरंत पोर्टल अथवा चाइल्ड टोल फ्री हेल्पलाइन 1098 पर दें और ऐसे बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए सहभागी बनें।

डीसी ने कहा कि बाल श्रम में फंसे बच्चों का भविष्य समय के साथ अंधकारमय होता जा रहा है। बाल श्रम के चलते गरीब बच्चे सबसे अधिक शोषण का शिकार हो रहे हैं। छोटे-छोटे बच्चे स्कूल छोड़ कर बाल श्रमिक बन रहे हैं। उन्होंने आमजन से आह्वïान किया कि वे बाल श्रम में फंसे बच्चों से संबंधित शिकायत श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के पोर्टल पर दर्ज करवाएं। उन्होंने अभिभावकों से आह्वान किया कि वे अपने बच्चों को बाल श्रम के दलदल में न धकेलें बल्कि उन्हें भी पढऩे-लिखने के अवसर प्रदान करते हुए उन्हें देश का अच्छा नागरिक बनाएं। डीसी ने कहा कि बाल श्रम मानव अधिकार का खुला उल्लंघन है। यह बच्चों के मानसिक, शारीरिक, आत्मिक, सामाजिक तथा बौद्धिक हितों को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि बाल श्रम निषेध एवं नियंत्रण अधिनियम 1986 के तहत बाल मजदूरी करवाना एक कानूनी अपराध है।