जल संरक्षण को दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाने की अपील की धनखड़ ने

श्री धनखड़ ने चौथे राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में कहा कि पारंपरिक जल संचयन संरचनाओं जैसे जोहड़ों- तालाबों की परंपरा को पुनः स्थापित किया जाना चाहिए

जल संरक्षण को दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाने की अपील की धनखड़ ने

नयी दिल्ली - उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को सभी नागरिकों से जल संरक्षण को अपने दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाने की अपील की ताकि जन आंदोलन की भावना जल आंदोलन को गति देगी।

श्री धनखड़ ने चौथे राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में कहा कि पारंपरिक जल संचयन संरचनाओं जैसे जोहड़ों- तालाबों की परंपरा को पुनः स्थापित किया जाना चाहिए। उन्होंने पंचायत, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सभी जनप्रतिनिधियों से जल संरक्षण को प्राथमिकता देने और नेतृत्व करने का आह्वान किया।

जल और पर्यावरण के संरक्षण संबंधी राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों और मौलिक कर्तव्यों जैसे संवैधानिक प्रावधानों पर ध्यान आकर्षित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि जल जीवन मिशन जैसी सरकारी पहलों का आम लोगों के जीवन पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जल का संरक्षण हमेशा भारत की सभ्यतागत लोकाचार का एक अभिन्न पहलू रहा है। यह प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह प्रकृति के उपहारों का बुद्धिमानी से उपयोग सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा, "प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग हमारी इष्टतम आवश्यकता के अनुसार होना चाहिए।"

उपराष्ट्रपति ने एक प्रतीकात्मक जल कलश समारोह का उद्घाटन किया। उन्होंने 11 श्रेणियों में 41 विजेताओं को सम्मानित किया गया।