वन विकास निगम एवं लकड़ी काटने वाले ठेकेदारों की मिलीभगत से सरकार को लाखों रुपए का चूना लगाने की तैयारी

मामले पर वन विकास निगम के जीएम दीपक कुमार का कहना है पेड़ों के झांग पहले शून्य कीमत की होती थी इसलिए विभाग द्वारा इसको खास अहमियत नहीं दी जाती थी परंतु आज के समय में इसकी अच्छी खासी कीमत लगने लगी है। विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत पेड़ों के झांग की कीमत वसूलना शुरू की जाएगी।

वन विकास निगम एवं लकड़ी काटने वाले ठेकेदारों की मिलीभगत से सरकार को लाखों रुपए का चूना लगाने की तैयारी

प्रताप नगर- जगाधरी पोंटा साहिब नेशनल हाईवे के निर्माण के लिए हाईवे के किनारे खड़े पेड़ों की कटाई का कार्य शुरू होते ही हरियाणा वन विकास निगम एवं लकड़ी काटने वाले ठेकेदारों की मिलीभगत से सरकार को लाखों रुपए का चूना लगाने की तैयारी हो रही है। नेशनल हाईवे पर वन विकास निगम ने गुलाबगढ़ और बहादुरपुर के नजदीक पेड़ों की कटाई का काम शुरू किया हुआ है जहां से पेड़ों के झांग से लदी ट्रालियां निगम कर्मचारियों के संरक्षण में सरकार को राजस्व का चूना लगाकर बेखौफ जा रही हैं।

एक समय बेकार समझा जाने वाली पेड़ों के झांग आज 200 से 400 प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही है। निगम द्वारा एक ओर ठेकेदार को लकड़ी काटने के लिए भुगतान किया जा रहा है वही पेड़ों की झांग अर्थात टहनियों और पत्तों के कोई कीमत वसूल नहीं की जा रही है। नेशनल हाईवे के दोनों और हजारों की संख्या में पेड़ काटे जाने हैं इनमें से कहीं पर तो बहुत ही भारी-भरकम है। यदि वन विकास निगम संजीदगी से पेड़ों के झांग का अवलोकन करे तो विभाग को करोड़ों रुपए का राजस्व प्राप्त हो सकता है। 
क्या बोले वन विकास निगम के जीएम
मामले पर वन विकास निगम के जीएम दीपक कुमार का कहना है पेड़ों के झांग पहले शून्य कीमत की होती थी इसलिए विभाग द्वारा इसको खास अहमियत नहीं दी जाती थी परंतु आज के समय में इसकी अच्छी खासी कीमत लगने लगी है। विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत पेड़ों के झांग की कीमत वसूलना शुरू की जाएगी।