जल प्रदूषण और प्रबंधन पर पत्र वाचन प्रतियोगिता का राजकीय महिला महाविद्यालय ने किया आयोजन

प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए दिलबाग सिंह जाखड़ छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि पृथ्वी पर जल अनमोल है और यह ऐसा संसाधन है जिस पर आने वाली पीढ़ियों का पूरा अधिकार है। लेकिन स्वच्छ जल मिलना बहुत असंभव हो गया है।पृथ्वी पर 71 प्रतिशत जल है

जल प्रदूषण और प्रबंधन पर पत्र वाचन प्रतियोगिता का राजकीय महिला महाविद्यालय ने किया आयोजन

सोनीपत। सेक्टर 12 स्थित राजकीय महिला महाविद्यालय में नेचर इंटरप्रिटेशन सेल द्वारा जल प्रदूषण और प्रबंधन पर पत्र वाचन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में लगभग 35 छात्रओं ने भाग लिया। प्रतियोगिता का शुभारंभ प्राचार्य डॉ दिलबाग सिंह ने किया। 

इस प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए दिलबाग सिंह जाखड़ छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि पृथ्वी पर जल अनमोल है और यह ऐसा संसाधन है जिस पर आने वाली पीढ़ियों का पूरा अधिकार है। लेकिन स्वच्छ जल मिलना बहुत असंभव हो गया है।पृथ्वी पर 71 प्रतिशत जल है। परंतु केवल कुछ ही प्रतिशत पानी पीने योग्य है, शेष जल समुन्दर में पाया जाता है, जो कि नमकीन होने के कारण पीने योग्य या अन्य किसी कार्य के योग्य नहीं होता। केवल 1.6 प्रतिशत पानी ही पृथ्वी के नीचे पाया जाता है जो पिने के योग्य होता है। आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ जल देने की हमारी नैतिक जिम्मेदारी है और हम सबको मिलकर इसके लिए प्रयास करने होंगे। इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर बी. ए प्रथम वर्ष की छात्रा कुमारी चीनू रही, द्वितीय स्थान पर तन्नू बी. ए. प्रथम वर्ष और चेलसि भूगोल होनर्स प्रथम वर्ष की छात्राये सयुंक्त रूप से रही। कुमारी काजल भूगोल होनर्स प्रथम वर्ष की छात्रा तृतीय स्थान पर रही। 

इस प्रतियोगिता के लिए निर्णायक मंडल में डॉ नरेश अंतील, डॉ राजवन्ती और डॉ नीलम सैनी रहें। 

डॉ. शर्मिला बधवार ने बताया कि वाटर मैनेजमेंट के लिए भारत सरकार ने बहुत सारी योजनाएं चलाई हैं और वाटर पोलूशन को रोकने के लिए बहुत सारे प्रावधान बनाये हैं। परंतु इन सब से कुछ नहीं होगा जब तक हम सभी इस संसाधन के लिए जागृत नहीं होंगे और इसका महत्व नहीं समझेंगे।