कुमाऊं में भारी बरसात, 58 सड़कें अवरूद्ध

इसी प्रकार चंपावत में थलीसैंण-बूंगीधार राज्य मार्ग समेत कुल 17 सड़के मलबा आने से बंद पड़ी हैं जबकि अल्मोड़ा में एक राजमार्ग समेत कुल छह, बागेश्वर में तीन और पिथौरागढ़ में 11 सड़कें मलबा आने से अवरूद्ध हो गयी हैं।

कुमाऊं में भारी बरसात, 58 सड़कें अवरूद्ध

नैनीताल - उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में भारी बरसात के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। मलबा और भूस्खलन से दो राज मार्ग समेत 58 सड़कें बाधित हो गयी हैं और जिलों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है।

कुमाऊं मंडल के नैनीताल, पिथौरागढ़, चंपावत, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों में गुरुवार सुबह से भारी बारिश हो रही है। जिससे भूस्खलन तथा मलबा आने का खतरा बना हुआ है। नैनीताल जिले में भूस्खलन के कारण 21 सड़कें बंद हो गयी हैं। अल्मोड़ा-रानीखेत मार्ग भी मलबा के कारण बंद हो गया है।

इसी प्रकार चंपावत में थलीसैंण-बूंगीधार राज्य मार्ग समेत कुल 17 सड़के मलबा आने से बंद पड़ी हैं जबकि अल्मोड़ा में एक राजमार्ग समेत कुल छह, बागेश्वर में तीन और पिथौरागढ़ में 11 सड़कें मलबा आने से अवरूद्ध हो गयी हैं।

चंपावत और अल्मोड़ा के जिलाधिकारियों की ओर से अलर्ट घोषित किया गया है। चंपावत के जिलाधिकारी नरेन्द्र भंडारी ने मौसम को देखते हुए अधिकारियों को सचेत रहने को कहा है। अधिकारियों और कर्मचारियों के मुख्यालय छोड़ने पर रोक लगा दी गयी है। अत्यावश्यक स्थिति में अवकाश लेने के निर्देश दिये गये हैं।

साथ ही, अधिकारियों को हिदायत दी गयी है कि अपना मोबाइल फोन 24 घंटे खुला रखें। जारी निर्देश में कहा गया है कि आदेश की अवहेलना करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।अल्मोड़ा में जिला प्रशासन ने भी अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा है।

बागेश्वर में जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने आपदा के मद्देनजर तहसीलों में आपदा कंट्रोल रूम बनाने के निर्देश दिये हैं। मौसम और आपदा प्रबंधन विभाग ने अगले तीन चार घंटे में पहाड़ों में भारी बरसात की आशंका जताई है। पुलिस भी सचेत है और उसने लोगों से अपील की है कि बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें और यात्रा करें।