‘सनातन का विरोध विपक्ष का एजेंडा’

भाजपा का सवाल- बयान पर सोनिया, लालू, अखिलेश खामोश क्यों?

‘सनातन का विरोध विपक्ष का एजेंडा’

नई दिल्ली : सनातन को लेकर देश की राजनीति गर्म है। उदयनीधि के बयान के बाद के भाजपा पूरे मामले को लेकर विपक्षी गठबंधन पर हमलावर है। एक बार फिर से भाजपा ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा है और साफ तौर पर कहा है कि इनका एजेंडा अब सामने आ रहा है। भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सनातन धर्म के ऊपर घमण्डिया गठबंधन के लोग ऐसे ऐसे प्रहार कर हैं और नए नए तरीके से कर रहे हैं कि पार्टी का दृष्टिकोण बताने के लिए मैं आपके सामने आया हूं। उन्होंने कहा कि पहला सवाल सोनिया गांधी जी से है। भाजपा की ओर से सोनिया गांधी जी से कईं सवाल पूछे गए हैं और विस्तार से पूछा था कि रोज भारत की संस्कृति, विरासत और सनातन धर्म का अपमान हो रहा है। लेकिन उस पर सोनिया गांधी जी खामोश क्यों हैं?

भाजपा नेता ने आगे कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से भी ये सवाल पूछा गया था कि आप इस पर खामोश क्यों हैं? लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया। उन्होंने कहा कि आज डीएमके के शिक्षा मंत्री पवन मुड़ी ने एक बयान दिया है। आज उनकी सोच सामने आ गई कि आई.एन.डी.आई.ए. गठबंधन का गठन ही सनातन धर्म के विरोध के लिए हुआ है और उसे खत्म करना है। उन्होंने कहा कि आज हम भाजपा की ओर से कुछ सवाल रखना चाहते हैं। जो तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री ने कहा है वो एक सच्चाई है। ये इनका छुपा हुआ एजेंडा है कि सनातन धर्म का विरोध करके वोटबैंक की राजनीति की जाए।

रविशंकर प्रसाद ने राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि लालू यादव की पार्टी के अध्यक्ष ने बिहार में कहा कि जो तिलक लगाते हैं, उन्होंने देश को गुलाम बनाया। कुछ दिन पहले लालू जी सिद्धिविनायक गए थे और तिलक भी लगाया था। लेकिन वो भी इसपर चुप रहे। उन्होंने आगे कहा कि उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर प्रभु राम के मंदिर का उद्घाटन होगा, तो गोधरा जैसा नरसंहार हो जाएगा। इतनी शर्मिंदगी भरी बात स्व. बाला साहेब ठाकरे के पुत्र कर रहे हैं, जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन को देश में एक नई ऊंचाई दी। यहां सवाल सोच का है। उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधा और कहा कि हिन्दू विरोधी बयान देने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?