सांभर उत्सव को कच्छ रण उत्सव की तर्ज पर किया जाएगा विकसित-दियाकुमारी

में विभाग एवं जयपुर जिला प्रशासन की ओर से आयोजित तीन दिवसीय

सांभर उत्सव को कच्छ रण उत्सव की तर्ज पर किया जाएगा विकसित-दियाकुमारी

जयपुर :  राजस्थान की उपमुख्यमंत्री एवं पर्यटन मंत्री दिया कुमारी ने प्रसिद्ध सांभर झील क्षेत्र में पर्यटन की बहुत संभावनाएं बताते हुए कहा है कि यहां पर्यटन एवं रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के साथ सांभर उत्सव को गुजरात के कच्छ रण उत्सव की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।

श्रीमती दिया कुमारी शुक्रवार को सांभर लेक में विभाग एवं जयपुर जिला प्रशासन की ओर से आयोजित तीन दिवसीय सांभर उत्सव के शुभारंभ के दौरान यह बात कही।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यहां कि सभी संभावनाओं पर तत्काल काम शुरू करे और सांभर उत्सव को कच्छ के रन फेस्टिवल की तर्ज पर विकसित करे।

उन्होंने कहा कि सांभर लेक बहुत बड़े क्षेत्र में है और यह रामसर साईट जहां लाखों की संख्या में फ्लेमिंगो और अन्य विदेशी पक्षी प्रवास के लिए आते है। यदि यहां की संभावनाओं पर काम कर सुविधाएं विकसित की जाए तो यह बड़ा पर्यटन स्थल बन सकता है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का पूरा प्रयास रहेगा कि आने वाले दिनों में सांभर अन्तरराष्ट्रीय मानचित्र पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराए। उन्होंने कहा कि सांभर का विकास पिछले पांच साल से ठप्प था लेकिन अब राज्य सरकार का पूरा प्रयास रहेगा कि सांभर का विकास हो।

उन्होंने सांभर में पर्यटन की अपार संभावनाएं बताते हुए कहा कि पर्यटन विभाग सैलानियों के लिए पर्यटन स्थलों पर बुनियादी सुविधाएं विकसित करने पर भी जोर देगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग के जरिए राज्य सरकार का प्रयास रहेगा कि सांभर और इसके आस-पास के कस्बों का विकास करते हुए यहां पर पर्यटन एवं रोजगार दोनों बढ़ाये जाये।

इस दौरान उन्होंने पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित प्रदर्शनी, फैंसी काइट आदि का भी अवलोकन किया । उन्होंने नरियासर मोड़ के पास सांभर लेक में बर्ड वॉचिंग भी की। इस दौरान उन्होंने कहा कि फ्लेमिंगो सहित अन्य कई प्रजातिओं के लाखों पक्षी हर वर्ष यहां आते है। इनके नेचुरल हैबिटेट को संरक्षित किया जाये।

पर्यटन विभाग के उपनिदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत ने सांभर उत्सव के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस उत्सव में सैलानियों को प्रदेश की कला व लोक संस्कृति के साथ साथ विरासत व परंपराओं को नजदीक से देखने का मौका मिलेगा। श्री शेखावत ने बताया कि सांभर उत्सव के दौरान सैलानियों को धार्मिक- विरासत व सहासिक पर्यटन को मेल देखने को मिलता है वहीं लोक-कला संस्कृति के साथ ही नमक उत्पादन की प्रक्रिया को सैलानी समझ पाते हैं।

यहां पर्यटकों के लिए ट्रेन से बर्ड वॉचिंग,साल्ट लेक विजिट एवम् नमक निकालने की प्रक्रिया को देखने की सुविधा उपलब्ध है। उत्सव के दौरान सांभर टाउन हैरिटेज वाक्,साइक्लिंग टूर, फैंसी काइट फ्लाइंग, फोटोग्राफी कंपीटिशन , दीपोत्सव , सांस्कृतिक संध्या आदि कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे।

सांभर उत्सव के शुभारंभ के मौके पर जयपुर की खासा कोठी से सुबह आठ बजे मोटरसाइकिल रैली सांभर लेक टाऊन के लिए रवाना हुई और झपोक पहुंची जहां मोटरसाइकिल रैली सवारों का स्वागत किया गया। यहां पर आर्ट एण्ड क्राफ्ट स्टॉल, फोटोग्राफी एग्जिबिशन भी लगाई गई। सवरे से लेकर शाम तक यहां पर फैन्सी काइट फ्लाइंग, सैलानियों के लिए ऊंट गाड़ी की सैर, पैरासीलिंग आदि एडवेंचर टूरिज्म गतिविधियों का आयोजन किया गया।