रक्षा क्षेत्र की महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता जरूरी: जनरल पांडे

हाल के संघर्षों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि विघटनकारी और दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकी अभूतपूर्व रूप से बढ़ रही हैं

रक्षा क्षेत्र की महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता जरूरी: जनरल पांडे

नयी दिल्ली : सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने अनुसंधान एवं विकास के बल पर रक्षा क्षेत्र की महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों और लड़ाकू प्लेटफार्मों तथा प्रणालियों में आत्मनिर्भरता हासिल करने की जरूरत पर बल दिया है। जनरल पांडे ने बुधवार को यहां एक सेमिनार को संबोधित किया। सेमिनार का आयोजन सेना की ओर से सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज ने किया था।

उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी , रक्षा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा के नए रणनीतिक क्षेत्र के रूप में उभरी है। उन्होंने कहा कि सूचना से लेकर आपूर्ति श्रृंखलाओं तक विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया जा रहा है। हाल के संघर्षों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि विघटनकारी और दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकी अभूतपूर्व रूप से बढ़ रही हैं। इस तरह यह आधुनिक युद्धों के चरित्र को बदल रही हैं।

जनरल पांडे ने भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सेना को आधुनिक, चुस्त और प्रौद्योगिकी से लैस करने की दिशा में प्रयास जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने सभी हितधारकों, सेनाओं, उद्योग भागीदारों, स्टार्ट-अप, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों, शिक्षा जगत और नीति निर्माताओं से अपने प्रयासों में तालमेल बिठाने और एक जीवंत राष्ट्रीय रक्षा इको-सिस्टम विकसित करने का आग्रह किया।

सेमिनार में सैन्य क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और उन्नत हार्डवेयर जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाने पर विचार-विमर्श करने के लिए प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों तथा उद्योग जगत के पेशेवरों को एक मंच पर लाया गया। इसका उद्देश्य सेना में तकनीकी उन्नयन के लिए चल रही पहलों को तेज गति देने के उद्देश्य से शिक्षा जगत और रक्षा उद्योग के बीच सहयोग को बढावा देना है। इस अवसर पर एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें देश में रक्षा क्षेत्र की प्रगति और क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया।