सशस्त्र बलों की तैनाती की याचिका पर तत्काल सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सेना को तैनात करने के लिए अदालतों को आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं होगी

सशस्त्र बलों की तैनाती की याचिका पर तत्काल सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

मणिपुर : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि मणिपुर में हिंसा विशुद्ध रूप से कानून-व्यवस्था का मुद्दा है। इसके साथ ही कोर्ट ने कुकी लोगों की सुरक्षा के लिए राज्य में सशस्त्र बलों की तैनाती और हमलावरों पर मुकदमा चलाने का आदेश देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सेना को तैनात करने के लिए अदालतों को आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह विशुद्ध रूप से कानून-व्यवस्था की समस्या है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और एमएम सुंदरेश की पीठ ने राज्य में जातीय हिंसा से संबंधित मामलों के एक समूह में एक आवेदन की तत्काल सुनवाई के अनुरोध को खारिज कर दिया। 

मई के पहले सप्ताह में शुरू हुए दो समुदायों के बीच हिंसक झड़पों में अब तक कम से कम 115 लोग मारे जा चुके हैं। एनजीओ मणिपुर ट्राइबल फोरम का प्रतिनिधित्व करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने इस सप्ताह सुनवाई के लिए दबाव डालते हुए पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया। उन्होंने दावा किया कि 17 मई को कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद 70 आदिवासियों की हत्या कर दी गई।  

गोंजाल्विस ने कहा कि हमने आदिवासियों की सुरक्षा और उन पर हमला करने वालों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए एक अत्यावश्यक आवेदन निकाला है। पिछले महीने इस अदालत को राज्य द्वारा दिए गए आश्वासन के बावजूद 70 आदिवासियों को मार दिया गया है।