खराब मौसम से नगर निगम में 2 बजे तक 43.6 फीसदी वोटिंग

राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक शुरुआती चार घण्टों यानी दोपहर 2 बजे तक 43.6 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। इनमें पुरुषों का मतदान प्रतिशत 30.31 और महिलाओं का 27.49 प्रतिशत रहा।

खराब मौसम से नगर निगम में 2 बजे तक 43.6 फीसदी वोटिंग

शिमला  - हिमाचल प्रदेश के शिमला नगर निगम चुनाव के लिए मंगलवार को मतदान चल रहा है। कुल 34 सीटों के लिए 149 पोलिंग स्टेशन पर शाम साढ़े चार बजे तक मतदान होगा। चुनाव मैदान में 102 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद होगी। मतगणना चार मई को होगी।

मंगलवार सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ है। हालांकि खराब मौसम का मतदान पर असर साफ दिख रहा है। वर्षा व सर्दी की वजह से मतदाता कम संख्या में घरों से बाहर निकल रहे हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक शुरुआती चार घण्टों यानी दोपहर 2 बजे तक 43.6 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। इनमें पुरुषों का मतदान प्रतिशत 30.31 और महिलाओं का 27.49 प्रतिशत रहा। मौसम के तेवर शाम तक खराब रहे, तो नगर निगम में मतदान कम हो सकता है। पिछले नगर निगम चुनाव में 58 प्रतिशत मतदान हुआ था।

राज्य चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव करवाने के लिए शहर में 149 पोलिंग बूथ बनाए हैं। इनमें 10 अति संवेदनशील, 40 संवेदनशील और 99 मतदान केंद्र सामान्य श्रेणी के हैं। चुनाव प्रक्रिया में 1500 कर्मचारी और 500 पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने बताया कि कुल 93920 मतदाता भाग ले रहे हैं, जिसमें 49759 पुरुष और 44161 महिलाएं शामिल हैं।

पिछली बार की तरह इस बार भी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए सीधे चुनाव नहीं हो रहे हैं। चयनित पार्षद बहुमत से मेयर व डिप्टी मेयर चुनेंगे। पार्टी चिन्ह पर हो रहे इस चुनाव में प्रदेश के दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी है। सभी बड़े राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस, आम आदमी पार्टी व मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। भाजपा और कांग्रेस ने सभी 34 वार्डों में उम्मीदवार उतारे हैं। जबकि आम आदमी पार्टी 21 और माकपा चार वार्डों में ही किस्मत आजमा रही है।

इस चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है। दोनों दलों के लिए ये चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बन गए हैं। सुक्खू सरकार के समक्ष एक दशक बाद कांग्रेस को नगर निगम की सत्ता दिलाने की चुनौती है। पिछले पांच साल तक नगर निगम पर भाजपा की सत्ता रही है। इससे पहले माकपा का मेयर और डिप्टी मेयर रहा था।