रसोई घर से गुजरता है, स्वस्थ भारत का रास्ता - डा0 नरेश भार्गव

शिविर निदेशक, रामाशीष मण्डल ने जूनियर रैडक्रास के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रैडक्रास शाखा के उस भाग को जूनियर रैडक्रास कहते है जो स्कूलों मे काम करता है । जूनियर रैडक्रास की स्थापना चाहे नियमित तौर से लीग आफ रैडक्रास की स्थापना के साथ हुई थी । परन्तु बच्चों की ओर से रैडक्रास के लिये काम बहुत पहले से शुरु हो गया था ।

रसोई घर से गुजरता है, स्वस्थ भारत का रास्ता - डा0 नरेश भार्गव

कुरूक्षेत्र- भारतीय रैडक्रास समिति, हरियाणा राज्य शाखा, चण्डीगढ़ द्वारा दिनांक 07-01-2023 से 13-01-2023 तक पंजाबी र्ध्मशाला, कुरूक्षेत्रा में सात दिवसीय अन्तर्राज्जीय जूनियर रैडक्र्रास प्रशिाक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है । इस शिविर मे अलग-अलग राज्यों बिहार, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उडी़सा, तेलगाना, व हरियाणा के सिरसा, सोनीपत, अम्बाला व फतेहाबाद से 123 जूनियर्स व 23 काउंसलर्स भाग लें रहें है । आज के प्रातःकालीन सत्रा का आरम्भ प्रार्थना व ध्वजारोपण से हुआ ।

शिविर निदेशक, रामाशीष मण्डल ने जूनियर रैडक्रास के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रैडक्रास शाखा के उस भाग को जूनियर रैडक्रास कहते है जो स्कूलों मे काम करता है । जूनियर रैडक्रास की स्थापना चाहे नियमित तौर से लीग आफ रैडक्रास की स्थापना के साथ हुई थी । परन्तु बच्चों की ओर से रैडक्रास के लिये काम बहुत पहले से शुरु हो गया था । स्कूल मंे पढ़ रहे बच्चों ने अपने अध्यापकों की प्रेरणा के साथ रैडक्रास के कामों में हाथ बटाना शुरु कर दिया था । रैडक्रास की स्थापना सन 1863 मंे हुई । साथ ही 1870 मे फं्रास और जर्मनी के बीच लड़ाई शुरु हो गई । नीदरलैंड और जुयईद प्रांत के अध्यापकांे से लीडन रैडक्रास बा्रंच के साथ शामिल होकर जूनियर्स के साथ मिलकर घायल सैनिकों की मदद करके बहुत ही सराहनीय सेवा का काम किया । सन् 1899 मंे जब दक्षिणी अमेरिका में युद्व छिड़ गया तो कनाडा के ओनटेरियों नगर के संेट मैरी स्कूल के बच्चों ने रैडक्रास के लिये काम किया । उन्हंोंने एक क्लब बनाया जिस का नाम दि मैपल लीवज रखा गया इस क्लब का काम देखने के लिए एक विशेष अध्यापक नियुक्त किया गया । इस क्लब को जूनियर रैडक्रास का पहला अध्याय कहा जा सकता है । 1919 मे लीग ऑफ रैडक्रास की स्थापना हुई । 1922 मेेे लीग काउंसिल की मीटिंग मंे विचार विमर्श उपरान्त यह निर्णय किया गया कि हर एक नैशनल रैडक्रास सोसायटी विधर्थियों के लिए जूनियर रैडक्रस की स्थापना करें । इस तरह जूनियर रैडक्रास के संक्षेप मे तीन आदर्श बनते है स्वास्थ्य, सेवा, मित्राता ।  
 
सीपीआर की प्रक्रिया को ध्यान से समझें । उन्होने बताया कि यह एक जीवन रक्षक प्रणाली है जो दुर्घटना के समय या आकस्मिक स्थिति मे व्यक्ति के जीवन की रक्षा करने मे बहुत महत्वपूर्ण सिद्व होती है । अजय श्योराण ने प्रतिभागियों को अभ्यास के माध्यम से इस प्रक्रिया के बारे बताया ताकि आपातकालीन स्थिति मे इसका उपयोग किया जा सके ।  

रिसोर्स पर्सन डा0 नरेश कुमार, कुलसचिव, श्रीकृष्णा आयुष विश्वविधलय, कुरूक्षेत्रा द्वारा श्स्वस्थ दिनचर्या एवं रसोई घर से उत्तम स्वास्थयश् विषय पर प्रतिभागियों को जानकारी दी गई । उन्होनें प्रतिभागियों को बताया कि स्वस्थ भारत का रास्ता रसोई घर से गुजरता है । अपने खान-पान, रहन-सहन और दिनचर्या में आंसिक परिवर्तन कर हम स्वस्थ जीवन जी सकते है । स्वास्थ्य का मतलब केवल शारीरिक स्वास्थ्य से नहीं है । इसमें मानसिक, सामाजिक एवम् आध्यात्मिक स्वास्थ्य भी शामिल है । हम अपने स्वास्थ्य को ठीक रखकर ही समाज के स्वास्थ्य को ठीक बना सकते है । रैडक्रास सोसायटी के द्वारा इस प्रकार के शिविरों के माध्यम से सामाजिक स्वास्थ्य को ठीक करने के जो गम्भीर प्रयास किये जा रहे है वे स्तुतय है ।  

रिसोर्स पर्सन डॉ0 पंकज गौड़ ने प्रतिभागियों को बताया कि नशा नर्क का द्वार है । इससे शारीरिक मांसिक, सामाजिक सम्मान की हानि होती है । नशा व्यक्ति परिवार और समाज का नाश कर देता है । जे0आर0सी0 स्वंय और परिवार को नशे से मुक्त करवाने की सभी उपाय करें। इस दौरान प्रतिभागियों को नशामुक्ति की शपथ दिलवाई।