अश्विनी-तनीषा ने गुवाहाटी मास्टर्स सुपर 100 खिताब जीता

भारतीय महिला युगल जोड़ी ने सुंग शुओ युन और यू चिएन हुई की चीनी ताइपे की जोड़ी को सीधे गेम में हराकर गुवाहाटी मास्टर्स बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब जीता

अश्विनी-तनीषा ने गुवाहाटी मास्टर्स सुपर 100 खिताब जीता

लखनऊ : भारतीय महिला युगल जोड़ी अश्विनी पोनप्पा और तनीषा क्रास्टो ने रविवार को यहां सुंग शुओ युन और यू चिएन हुई की चीनी ताइपे की जोड़ी को सीधे गेम में हराकर गुवाहाटी मास्टर्स बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब जीता जो इस जोड़ी का दूसरा सुपर 100 खिताब है।

पिछले हफ्ते लखनऊ में सैयद मोदी अंतरराष्ट्रीय सुपर 300 टूर्नामेंट की उप विजेता रही अश्विनी और तनीषा की दूसरी वरीय जोड़ी ने दुनिया की 81वें नंबर की जोड़ी को 40 मिनट में 21-13 21-19 से हराया।

भारतीय जोड़ी का यह तीसरा खिताब है। इस जोड़ी ने इससे पहले अबु धाबी मास्टर्स सुपर 100 और नांतेस अंतरराष्ट्रीय चैलेंज का खिताब भी जीता था। अश्विनी और तनीषा को पहले गेम में विरोधी जोड़ी टक्कर देने में नाकाम रही। भारतीय जोड़ी ने 6-2 की बढ़त बनाई और ब्रेक तक 11-7 से आगे थी।

 

अश्विनी और तनीषा को इसके बाद पहला गेम जीतने में अधिक परेशानी नहीं हुई। दूसरे गेम में भी दुनिया की 28वें नंबर की भारतीय जोड़ी ने अच्छी शुरुआत करते हुए 4-1 की बढ़त बनाई और फिर इसे 12-6 तक पहुंचाया। चीनी ताइपे की जोड़ी ने हालांकि इसके बाद जोरदार वापसी करते हुए स्कोर 11-12 कर दिया।

शुओ और चिएन की जोड़ी ने 16-16 पर बराबरी हासिल की और फिर स्कोर 19-19 से बराबर रहा। अश्विनी और तनीषा ने इसके बाद लगातार दो अंक के साथ गेम और मैच अपने नाम किया।

 

चौंतीस साल की अश्विनी और 20 साल की तनीषा ने इस साल जनवरी में ही एक साथ खेलना शुरू किया है और वे सितंबर-अक्टूबर में चीन के हांगझोउ में एशियाई खेलों में हिस्सा लेने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थीं। अश्विनी ने मैच के बाद कहा, ‘‘हम जिस तरह खेले उससे मैं खुश हूं। फाइनल में पहुंचने और जीतने के लिए आभारी हूं। हमने अपने शरीर का ख्याल रखा और अपनी योजनाओं को लागू किया।

पिछले दो हफ्तों में हमारी एकाग्रता और प्रतिबद्धता शानदार रही।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम दोनों आक्रामक हैं और वे नेट पर अच्छा खेल दिखाती है। मुझे कोर्ट के पिछले हिस्से से स्मैश मारने के लिए जाना जाता है। इसलिए मुझे लगता है कि हम एक दूसरे का अच्छा साथ देते हैं।’’

 

अश्विनी ने कहा कि दूसरे गेम में उन्होंने गलतियां की लेकिन उन्होंने और तनीषा ने धैर्य बरकरार रखते हुए करीबी जीत दर्ज की। भारत की सबसे बेहतरीन युगल महिला खिलाड़ियों में से एक अश्विनी ने ज्वाला गुट्टा के साथ काफी सफलता हासिल की। इस जोड़ी ने 2011 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य और 2010 तथा 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में क्रमशः स्वर्ण और रजत पदक जीता।

अश्विनी और ज्वाला ने 2012 और 2016 में क्रमश: लंदन और रियो डि जनेरियो में हुए ओलंपिक में भी हिस्सा लिया था लेकिन दोनों बार ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ सकीं। दोनों 2016 के खेलों के बाद अलग हो गए और अश्विनी ने एन सिक्की रेड्डी के साथ जोड़ी बनाई।

 

इस जोड़ी ने 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीता जबकि अश्विनी ने गोल्ड कोस्ट में भारत को पहली बार मिश्रित टीम स्वर्ण दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई थी। अश्विनी और सिक्की जब पिछले पिछले साल अलग हुए तो अश्विनी ने तनीषा के साथ जोड़ी बनाई।

दुबई में जन्मीं तनीषा ने बहरीन का प्रतिनिधित्व किया और 2016 बहरीन इंटरनेशनल चैलेंज में अपना पहला बड़ा बीडब्ल्यूएफ खिताब जीता। वह 2018 में भारत आईं और गोवा का प्रतिनिधित्व करते हुए घरेलू सर्किट में खेलना शुरू कर दिया।

तीन साल बाद तनीषा ने उबेर कप और सुदीरमन कप के लिए भारतीय टीम में जगह बनाई। शुरुआत में उन्हें इशान भटनागर के साथ मिश्रित युगल में सफलता मिली और वह अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ विश्व रैंकिंग 18वें स्थान पर पहुंच गईं।

उन्हें हालांकि इशान की चोट के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा और उन्होंने महिला युगल पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया। लंबे समय तक जोड़ीदार तलाशने के बाद तनीषा ने आखिरकार अश्विनी से हाथ मिलाया।