तिब्बत की स्वतंत्रता तिब्बतियों का अधिकार - ओमप्रकाश

भारत तिब्बत समन्वय संघ सम्मेलन को हरियाणा भाजपा अध्यक्ष औमप्रकाश धनखड ने किया संबोधित

तिब्बत की स्वतंत्रता तिब्बतियों का अधिकार - ओमप्रकाश

सोनीपत - तिब्बत की आज़ादी तिब्बतियों का अधिकार है। कैलाश हमारी आस्था का केंद्र है और वहां तक बिना किसी रुकावट के आवागमन भारतीयों का अधिकार है।  किसी देश को छोटा व कमजोर समझकर उस पर कोई बड़ा देश अनुचित रूप से कब्जा कर ले,  यह भी भारत की नीति के खिलाफ है।  मुरथल में आयोजित भारत तिब्बत समन्वय संघ सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए हरियाणा भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने यह बात कही। उन्होंने कहा कह कि इन दोनों विषयों पर भारत के लोगों की सोच स्पष्ट है।  कार्यक्रम में  पूर्व कैबिनेट मंत्री कविता जैन भी  मौजूद रही।

मुख्यातिथि ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा की भारत ने स्वतंत्रता के अमृत वर्ष में यह संकल्प लिया है कि हम भारतीय गौरव की वापसी करेंगे। देश के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का स्वप्न साकार करना हमारा ध्येय है।  उन्होंने कहा कि तिब्बत की मुक्ति के संघर्ष में भारत के लोगों की भावना तिब्बतियों के साथ है। इसलिए भारत सरकार ने कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर तिब्बत का पक्ष लिया है। उन्होंने कहा कि हमारी सोच लोकतांत्रिक व सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की है।  जबकि चीन की सोच साम्राज्यवाद की हैं। कुछ प्रखर  बुद्धिजीवी लोग कैलाश और तिब्बत की मुक्ति के आंदोलन को स्वतंत्रता की दूसरी लड़ाई मानते हैं, और कहते भी हैं कि इसे हम पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे। भारत तिब्बत समन्वय  संघ का भी मुख्य उद्देश्य तिब्बत को स्वतंत्र कराना है, जिसे 1959 में चीन द्वारा हड़प लिया गया था।

ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि कैलाश मानसरोवर पर सुगम व सरल आवागमन हो।  इस मिशन को लेकर हम लगे हुए है। तिब्बत पड़ोसी होने का कारण  हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां से तीन नदियां निकलती है। उन्होंने कहा कि तिब्बत के साथ-साथ अन्य सीमाओं को मजबूत करने के लिए पीएम मोदी के सशक्त नेतृत्व में भारत सरकार लगातार सीमाओं पर हाईवे और एयरपोर्ट बना रही है जो कि पहले  कभी भी किसी सरकार ने इस बारे में कोई विचार नहीं किया। अब सीमावर्ती इलाको पर अब आसानी से पहुंचा जा सकता है।

हरियाणा भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अमेरिका की संसद में हमने प्रधानमंत्री मोदी के जिंदाबाद के नारे सुनते हुए जो आनंद महसूस किया है उसको शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता। पहले हम अमेरिका के साथ ऐसे सामान खरीदते थे जैसे दुकान से सामान लेते है। लेकिन अब टेक्नोलॉजी के साथ समझौता हो रहा है, जिसका नतीजा यह है कि जेट इंजन अब भारत में बनेंगे और शिकारी ड्रोन से हमारी सीमाएं मजबूत होगी।

पूर्व कैबिनेट मंत्री कविता जैन ने कहा कि भारत तिब्बत समन्वय संघ लोगों में जागरूकता पैदा कर रहा है कि चीन की कुटिल चाल का विरोध किया जाए। क्योंकि उधर चीन की साम्राज्यवादी नीति पर अंकुश नहीं लगाया गया तो वह दिन दूर नहीं जब भारत को इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी चीन निरंतर भारत को किसी न किसी परेशानी में डाल कर रखता है, इस समस्या से बाहर निकलने का एक ही रास्ता है जन आंदोलन। जब तक जन आंदोलन खड़ा नहीं होगा तब तक भारत की सीमाएं सुरक्षित नहीं होंगी।

कार्यक्रम की शुरुआत में देशभर से आने वाले कार्यकर्ताओं व सभी अतिथियों का हरियाणा प्रांत कार्यकारिणी के द्वारा पुष्पगुच्छ, अंग वस्त्र व माला पहनाकर  स्वागत किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर प्रयाग दत्त जुयाल पूर्व वाइस चांसलर दून विश्वविद्यालय, भारत तिब्बत समन्वय संघ रहे। संघ के संयोजक हेमेंद्र प्रताप सिंह तोमर के द्वारा भारत तिब्बत सामने संघ की पूर्व गतिविधियों पर रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।

इस मौके पर ईटको कोऑर्डिनेटर ताशी डेकी की भारत और तिब्बती को-आर्डिनेशन ऑफिस सरकारी प्रतिनिधि, डोलमा फ्रूबू तिब्बतियन कार्यकर्ता, जिला अध्यक्ष तीर्थ राणा, डॉ ओमप्रकाश आत्रेय, परमवीर सैनी, नीरज आत्रेय,प्रीतम खोखर,जसबीर दोदवा, सुरजीत दहिया रीना शर्मा, मनेन्द्र सन्नी, नरेंद्र शर्मा, गुरप्रीत कौर सैनी उपाध्यक्ष हरियाणा प्रांत तथा सुमन सांगवान प्रांत महामंत्री महिला विभाग, हरियाणा की पूरी प्रांत कार्यकारिणी के साथ साथ देश भर सभी प्रांतों से भारी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

कार्यक्रम उपरांत पत्रकारों के विपक्ष की एकता के सवाल का जवाब देते  हुए धनखड़ ने कहा कि विपक्ष देश हित मे नही,  कोई अपना वंशवाद बचाने और कोई सत्ता के लिए एकता की बात कर रहा है। ये लोग विदेशी भूमि पर भारत की आलोचना करते हैं और यहां एकता की बात करते हैं इन पर कौन विश्वास करेगा।