गाेवर्धन नाथ मेला का भव्य तरीके से आगाज

श्री गोवर्धन नाथ मेला मंगलवार को परम्परागत तरीके से आरम्भ हो गया।

गाेवर्धन नाथ मेला का भव्य तरीके से आगाज

महोबा : एक माह तक चलने वाला महोबा जिले का अति प्राचीन चरखारी का सुप्रसिद्ध धार्मिक श्री गोवर्धन नाथ मेला मंगलवार को परम्परागत तरीके से आरम्भ हो गया।जिलाधिकारी मृदुल चौधरी और क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों ने सामूहिक रूप से विधिवत पूजन.अनुष्ठान के साथ मेले की शुरूआत की। इस दौरान आकर्षक रंगीन आतिशबाजी का प्रदर्शन किया गया।बुंदेलखंड के वृंदावन के नाम से विख्यात चरखारी में धार्मिक महत्व के प्राचीन मेले की परंपरा के अनुसार श्री गोवर्धन नाथ के लगभग पांच फीट ऊंचाई के विग्रह व अन्य देव प्रतिमाओं को ड्योढ़ी स्थित मंदिर से लाकर मेला परिसर में तैयार किये गए बंगले में पहुंचाया गया। इसकी नगर में भव्य शोभायात्रा ‘सवारी’ निकाली गई। हाथी,घोड़ा और बैंड बाजों के साथ निकली शोभायात्रा का नगर वासियों ने पूरे मार्ग में पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। श्रद्धालुओं ने इस दौरान जगह.जगह देव प्रतिमाओं की आरती उतारी। करीब ढाई किलोमीटर के परंपरागत मार्ग को तय करके शोभायात्रा का मेला परिसर पहुंचने पर सैकड़ो की संख्या में मौजूद लोगों ने जयकारों का उदघोष कर स्वागत किया।
मेला की आयोजक नगर पालिका परिषद के अधिशाषी अधिकारी अवधेश कुमार ने बताया कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से आरंभ होकर यह मेला पूरे एक माह तक चलेगा। श्री गोवर्धन नाथ की प्रतिमा स्थापित होने के बाद अब यह हर रोज नगर के विभिन्न मंदिरों में स्थापित देव प्रतिमाओं का आगमन होगा। जिन्हें मेला परिसर में उनके निर्धारित स्थल ;मंडपद्ध पर विराजमान कराया जाएगा। यह प्रक्रिया एक सप्ताह तक चलेगी।
इसके बाद गोवर्धन नाथ जी का दरबार सजेगा। मेले के दौरान यहां विशाल यज्ञए धार्मिक कथा एवम रासलीला आदि के आयोजन होंगे। देवोत्थान एकादशी ओर कार्तिक पूर्णिमा के विशेष पर्वो में मेले में कृष्ण भक्तों की भारी भीड़ जुटने पर विशेष धार्मिक आयोजन होंगे।
उल्लेखनीय है कि रियासत कालीन चरखारी के श्री गोवर्धन नाथ मेले की शुरुआत 140 बर्ष पूर्व यहां के तत्कालीन नरेश मलखान सिंह जू देव ने की थी। वह अत्यंत धार्मिक प्रवत्ति के और कृष्ण उपासक थे। उन्होंने नगर में 108 कृष्ण मंदिरों का निर्माण कराया था। यह सभी मंदिर भगवान कृष्ण के 108 नामों से जाने जाते थे। नैसर्गिक सुषमा से परिपूर्ण चरखारी को उसके सप्त सरोवरों और मंदिरों के कारण ही मिनी वृंदावन का नाम दिया गया था।
अधिशाषी अधिकारी ने बताया कि एक माह तक चलने वाले मेले में भाग लेने के लिए दूर.दूर से लोग आते है। यही वजह है कि उनके मौज मनोरंजन हेतु इसमे झूलाएखेल तमाशों के अलावा विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन किया जाता है। मेले के दौरान ही यहां राष्ट्रीय स्तर की हॉकी एवम क्रिकेट प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है। जिनमे देश के जाने माने खिलाड़ी शिरकत करते है। नगर पालिका परिषद बोर्ड द्वारा अबकी मेले के लिए 15 लाख रुपये का बजट तय किया गया है।