धरना दे रहे किरोड़ी को पुलिस ने हिरासत में लिया

डा मीणा सुबह दिनचर्या के लिए कुछ देर के लिए धरनास्थल से उठने के बाद वहां पुलिस आई गई और डा मीणा के समर्थकों की गाड़ियों को हटा दिया गया और अवरोधक लगाकर धरनास्थल के रास्ते को रोक दिया गया।

धरना दे रहे किरोड़ी को पुलिस ने हिरासत में लिया

जयपुर -  भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज नहीं होने पर राजस्थान की राजधानी जयपुर में थाने के बाहर धरना दे रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं सांसद डा किरोड़ी लाल मीणा को गुरुवार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

डा मीणा सुबह दिनचर्या के लिए कुछ देर के लिए धरनास्थल से उठने के बाद वहां पुलिस आई गई और डा मीणा के समर्थकों की गाड़ियों को हटा दिया गया और अवरोधक लगाकर धरनास्थल के रास्ते को रोक दिया गया।

जब डा मीणा वापस धरनास्थल के लिए आये तो उन्हें रोक दिया गया और धरनास्थल पर नहीं जाने देने पर वह सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन वह नही माने और बैठे रहे।

बाद में पुलिस ने उन्हें और उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया।

इससे पहले डा मीणा ने मीडिया से कहा कि उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करने पर परिवादी के साथ धरना दिया है और उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ भी यहां आये लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं हुई।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने बयान में कई बार कह चुके हैं कि सामान्य फरियादी की भी एफआईआर दर्ज की जाए और उच्चतम न्यायालय के भी निर्देश हैं किसी मामले की एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां 48 घंटे हो गए अभी तक भ्रष्टाचार के मामले को लेकर एफआईआर दर्ज की मांग की जा रही है लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं हो रही।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि श्री गहलोत झूठ बोल रहे हैं और जनता को गुमराह कर रहे हैं। गरीबों पर अत्याचार के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हो रही है।

सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज करने में क्या दिक्कत है, अगर यह झूठी निकलती है तो इस पर एफआर लग जाएगी। उन्होंने कहा " अगर यह मामला झूठा पाया जाता है तो मुझ पर मानहानि करो।"

उल्लेखनीय है कि डा मीणा ने हाल में राज्य के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री महेश जोशी एवं एक आईएएस अधिकारी पर केन्द्र की जल जीवन मिशन योजना के तहत कराये जा रहे कार्यों को लेकर बीस हजार करोड़ रुपए का घोटाला करने का आरोप लगाया और मंगलवार को इस मामले में अशोक नगर थाने में एफआईआर दर्ज नहीं होने पर परिवादी के साथ थाने के बाहर धरने पर बैठ गए थे।