‘आत्मनिर्भरता’ देश को वैश्विक नेतृत्व प्राप्त करने का पहला कदम है : द्विवेदी

लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारत एक सभ्यता है, हमेशा सक्षम था और हमेशा रहेगा

‘आत्मनिर्भरता’ देश को वैश्विक नेतृत्व प्राप्त करने का पहला कदम है : द्विवेदी

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में उत्तरी कमान के सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने सोमवार को कहा कि ‘आत्मनिर्भरता’ भारत को वैश्विक नेतृत्व प्राप्त करने की दिशा में पहला कदम है। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारत एक सभ्यता है, हमेशा सक्षम था और हमेशा रहेगा। इससे पहले उन्होंने भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान (आईआईटी) जम्मू में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय नॉर्थ टेक संगोष्ठी के पहले स्टालों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा, ‘आत्मनिर्भरता भारत के लिए वैश्विक नेतृत्व प्राप्त करने और आत्मानिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए पहला कदम है। 

उद्योग, सैन्य और शिक्षाविद एक साथ आए हैं तथा हम आगे बढ़ेंगे ताकि हमारे पास पहले से ही मौजूद तकनीक, जिसे हम आयात कर रहे हैं, हम एक वैकल्पिक समाधान ढूंढ सकें।’ उन्होंने कहा, ‘जो नवीनतम तकनीक आ रही है, उस पर हमें संयुक्त रूप से कैसे काम करना है ताकि संचयी प्रभाव इतना अच्छा हो कि हम अन्य देशों से आगे निकल जाएं।’ सेना कमांडर ने कहा, ‘सुरक्षा, गतिशीलता, निगरानी और संचार, ढांचागत विकास तथा अग्नि शक्ति की उत्तरजीविता नॉर्थ टेक में ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ग के आयु के लोगों को प्रौद्योगिकी की बेहतर समझ होनी जरूरी है। नॉर्थ टेक में विभिन्न कमांडों के अधिकारियों द्वारा भाग लिया जा रहा है ताकि वे सीख सकें और सशस्त्र बलों में इसे अपनाने के लिए नवीनतम तकनीक से अवगत हो सकें।

लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा कि नॉर्थ टेक में प्रदर्शित उपकरण पूरी तरह से ‘आत्मनिर्भरता’ पर केंद्रित हैं। उन्होंने कहा, ‘सफल परीक्षणों के बाद उत्तरी कमान में मई 2022 में आयोजित अंतिम नॉर्थ टेक से अब तक 256 उपकरण सेना में शामिल किए गए हैं।’ ड्रोन चुनौतियों पर, सेना कमांडर ने कहा, ‘काउंटर ड्रोन उपकरण भी शामिल किए गए हैं और उन्हें समय-समय पर अपग्रेड किया जा रहा है। नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ, हमें खुफिया, निगरानी और टोही रखने के अलावा उपकरण शामिल करने की आवश्यकता है। हर गुजरते दिन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तकनीक में सुधार हो रहा है।’