मुनाफाखोरी छोड़ डीजल-पेट्रोल के दाम घटाए सरकार : कुमारी सैलजा

तेल कंपनियों को मुनाफा कमाने की दी खुली छूट, जनता पर टैक्सों का बोझ लादकर केंद्र सरकार खुद कमा रही लाखों करोड़ों रुपये

मुनाफाखोरी छोड़ डीजल-पेट्रोल के दाम घटाए सरकार : कुमारी सैलजा

 चंडीगढ़।अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड के दाम लगातार गिर रहे हैं। इसके बावजूद केंद्र सरकार लोगों को महंगे दाम पर पेट्रोल-डीजल बिकवा रही है। तेल कंपनियों को मुनाफा कमाने की खुली छूट दी हुई है। तेल कंपनियां और केंद्र सरकार आपसी सांठगांठ से लाखों करोड़ों रुपये सिर्फ पेट्रोल-डीजल की बिक्री से कमाने में लगी हैं, जबकि लोगों के व्यापार, रोजगार व कामकाज बढ़ने की बजाए घाटे में चल रहे हैं।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि जून 2022 में कच्चा तेल 9003 रुपये प्रति बैरल यानी करीब 57 रुपये लीटर था, जो जनवरी 23 में 6222 रुपये प्रति बैरल यानी 39 रुपये प्रति लीटर पर आ गया है। फिर भी 7 महीने से भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के ईशारे पर पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर रखे गए हैं। कच्चा तेल सस्ता होने से केंद्र सरकार और तेल कंपनियां अतिरिक्त कमाई में जुटी हुई हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि तेल और गैस कंपनियों का मुनाफा पिछली तिमाही के मुकाबले 82 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। इससे पता चलता है कि केंद्र सरकार महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने की बजाए जनता की जेब ढीली करने पर तुली हुई है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि देश में जुलाई 2021 से जुलाई 2022 के बीच 12 महीने के दौरान पेट्रोल के दाम 78 बार बढ़ाए गए, जबकि डीजल के दामों में 76 बार बढ़ोतरी की गई। जबकि, अब क्रूड के दाम लगातार गिरते हुए अत्यधिक गिर चुके हैं। जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम घट रहे हैं तो फिर केंद्र सरकार जनता को इसका लाभ क्यों नहीं पहुंचा रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार ने तेल बॉन्ड पर महज 73440 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जबकि 2014 में सत्तासीन होने के बाद से उसने पेट्रोलियम पदार्थों पर कर के जरिये 35 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा देश की जनता से वसूले हैं। इससे पता चलता है कि सरकार लोगों को कोई राहत देने के मूड़ में नहीं है, बल्कि उनकी जेब से रुपये निकालने का ही कोई न कोई तरीका खोजने में लगी है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि मार्च 2014 में एलपीजी के घरेलू सिलेंडर की कीमत 410 रुपये थी। जो अब बढ़कर 1062 रुपये के पार जा चुकी हैं। घरेलू गैस सिलेंडर के दाम लगातार बढ़ने से हर घर पर आर्थिक भार पड़ा है। देश में करोड़ों गरीब परिवार ऐसे हैं, जिन्होंने गैस के दाम बढ़ने से अपने सिलेंडर भरवाने बंद कर दिए हैं और महिलाओं को फिर से धुएं में खाना बनाना पड़ रहा है।

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