त्रिपुरा कांग्रेस ने की जाति आधारित जनगणना की मांग

देश की महिलाएं असुरक्षित हो गई हैं और महिलाओं पर अत्याचार कई गुना बढ़ गए हैं

त्रिपुरा कांग्रेस ने की जाति आधारित जनगणना की मांग

अगरतला : त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सोमवार को समाज के वंचित वर्गों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में जाति आधारित जनगणना की मांग की। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आशीष कुमार साहा ने कहा कि कांग्रेस ने रविवार को यहां पार्टी की अनुसूचित जाति (एससी)/अनुसूचित जनजाति (एसटी)/अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी)/अल्पसंख्यक इकाइयों की एक संयुक्त बैठक की और जमीनी स्तर पर गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के लिए एक व्यापक योजना बनाई। श्री साहा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ओबीसी समुदायों को लाभ प्रदान करने के लिए जाति जनगणना को तत्काल लागू करने की कांग्रेस की मांग को जानबूझ कर नजरअंदाज कर रही है। चुनाव से ठीक पहले मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए भाजपा ने दिखावा करने और देशवासियों को बेवकूफ बनाने के लिए महिला आरक्षण विधेयक संसद में पारित किया।

उन्होंने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव जीतने के लिए इसे एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल करने के इरादे से पिछले कई वर्षों तक इस बिल को दबाए रखा था, लेकिन इस अधिनियम से देश की महिलाओं को कैसे लाभ होगा, इसके बारे में अभी तक कोई घोषणा नहीं की गई है। देश की महिलाएं असुरक्षित हो गई हैं और महिलाओं पर अत्याचार कई गुना बढ़ गए हैं, लेकिन सजा आज भी सबसे न्यूनतम है।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा बार-बार समाज के समग्र विकास के लिए देश में जाति जनगणना की मांग करने के बावजूद केंद्र सरकार संविधान के परिसीमन की प्रक्रिया शुरू करने में कोई जल्दबाजी नहीं दिखा रही है। उन्होंने कहा कि देश के ओबीसी लोग, विशेषकर त्रिपुरा राज्य में, आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा के कारण सभी सरकारी लाभों से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि इसी कारण कांग्रेस ने ओबीसी को सामाजिक न्याय के दायरे में शामिल करने के लिए मौजूदा नियमों को खत्म करने के लिए एक नया कानून बनाने की मांग की।