बॉक्सिंग गेम क्या है? जानें खेल से जुड़े नियम और ओलंपिक 2024 में भारत की आस

बॉक्सिंग बिना किसी हथियार के सिर्फ दोनों हाथों के साथ मुकाबला करने का एक तरीका है।

बॉक्सिंग गेम क्या है? जानें खेल से जुड़े नियम और ओलंपिक 2024 में भारत की आस

भारत : सेंट लुइस 1904 के आधुनिक ओलंपिक खेलों में डेब्यू से पहले बॉक्सिंग को पहली बार 688 ईसा पूर्व में प्राचीन ओलंपिक खेलों में प्रदर्शित किया गया था। पेरिस 2024 में, कुल 248 मुक्केबाज प्रतिस्पर्धा करेंगे, जिनमें 124 महिलाएं और 124 पुरुष शामिल हैं। हीं बता दें कि, आखिरी बॉक्सिंग खेल कैसा है। बॉक्सिंग बिना किसी हथियार के सिर्फ दोनों हाथों के साथ मुकाबला करने का एक तरीका है। जिसमें एक एथलीट अपने प्रतिद्वंद्वी के सिर या शरीर पर मुक्के मारकर अंक हासिल करने का प्रयास करता है। ये अंक जजों द्वारा तय किए जाते हैं या फिर मुकाबले के दौरान रेफरी किसी मुक्केबाज को मुक्केबाजी करने के लिए असमर्थ करार दे देता है। बॉक्सिंग मुकाबला एक रिंग में होता है, जो 4.9 मी चौड़ी और 7.3 मी लंबी होती है। इसके चारों कोनों के बीच रस्सियां एक ऊंचे कैनवास मैच से जुड़ी होती हैं। 

एक मुकाबले में दो मुक्केबाज कई राउंड में एक-दूसरे का सामना करते हैं, जो आमतौर पर तीन मिनट तक चलता है। एक रेफरी मुकाबले को नियंत्रित करने का काम करता है और वह मुक्केबाजी को बीच में ही रोक सकता है। अगर उसे लगता है कि कोई भी मुक्केबाज मुकाबले को जारी रखने में असमर्थ है। इसके साथ ही रेफरी मुक्केबाजों को लगी चोट या पहने हुए गियर को सही करने के लिए अस्थायी रूप में भी मुकाबले को कुछ देर के लिए रोक सकता है। 

अगर एख मुक्केबाज को मारकर जमीन पर गिरा दिया जाता है। तो इसे नॉकडाउन कहा जाता है और रेफरी 10 तक गिनती गिनना शुरू करता है। अगर रेफरी को लगता है कि किसी मुक्केबाज ने ब्रेक लेने के लिए एक दमदार मुक्का मारा है तो वह सीधे आठ काउंट भी कर सकता है। 

जज हर राउंड से अलग-अलग स्कोर करते हैं और मुक्केबाज को 10 अंक में से उनके मु्क्कों की शक्ति और सटीकता के आधार पर अंक देते हैं। हालांकि, बॉक्सिंग में अक्सर आक्रामकता के आधार पर भी अंक दिए जाते हैं। किसी भी राउंड को हारने वाला आमतौर पर नौ अंक प्राप्त करता है, लेकिन ये आठ भी हो सकता है। अगर विजेता बहुत ज्यादा प्रभावशाली रहा हो या उसने नॉकडाउन स्कोर किया हो। अगर प्रतियोगिता अंत तक चलती है तो ये स्कोरकार्ड ही विजेता को तय करते हैं। 

वहीं भारत की लवलीना बोरगोहेन ने एशियन गेस्म 2023 बॉक्सिंग में महिलाओं के 75 किग्रा के फाइनल में प्रवेश किया। इसके साथ ही उन्होंने भारत के लिए पेरिस 2024 ओलंपिक कोट भी हासिल किया है। लवलीना के अलावा निकहत जरीन ने महिलाओं के 50 किलोग्राम में पेरिस ओलंपिक के लिए कोटा हासिल किया। साथ ही अंतिम पंघल ने 53 किग्रा और प्रीति पवार ने 54 किलोग्राम और परवीन हुडा ने महिलाओं के 57 किलोग्राम में पेरिस ओलंपिक 2024 कोटा हासिल किया है।

महिला मिडिलवेट डिवीजन में वर्ल्ड चैंपियन बनकर देश का नाम रौशन किया। मैरी कॉम एकमात्र अन्य भारतीय मुक्केबाज हैं, जिन्होंने ओलंपिक पदक और विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। लवलीना बोरगोहेन से पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीयों को मेडल की उम्मीद है। 

उनके उसी रवैये ने उन्हें 20 मई 2022 को तुर्की के इस्तांबुल में आयोजित महिला मुक्केबाजी वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने में मदद की। साथ ही एशियाई खेलों 2023 में उन्होंने कांस्य पदक जीता था। निखत से देश को मेडल की उम्मीदें बरकरार हैं।