योग स्वस्थ जीवन जीने की कला : राज्यपाल हरिचंदन

कहा, योग भारत की एक प्राचीन कला है जो हजारों वर्षों से अस्तित्व में है

योग स्वस्थ जीवन जीने की कला : राज्यपाल हरिचंदन

रायपुर : छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा कि योग भारत की एक प्राचीन कला है जो हजारों वर्षों से अस्तित्व में है। श्री हरिचंदन ने आज राजभवन में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित योग शिविर में शामिल होने के मौके पर कहा कि योग दिवस के माध्यम से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग के लाभ के बारे में जागरूकता आयी है।उन्होने कहा कि योग आध्यात्मिक अनुशासन एवं अत्यन्त सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित ज्ञान है जो मन और शरीर के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। यह स्वस्थ जीवन जीने की कला है।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम ‘‘योगा फॉर वासुधैव कुटुम्बंकम‘‘ है। एक विश्व, एक परिवार के रूप में सबके कल्याण के लिए आज हम लोग एकत्रित होकर योगाभ्यास के इस महत्वपूर्ण यज्ञ में अपनी आहूति दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि योग को आसन और प्राणायाम तक ही सीमित ना रखा जाए बल्कि योग की ध्यानावस्था में जाने की विधि को समझने के लिए मेडिटेशन की शिक्षा अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने कहा कि योग हमारे शरीर एवं मन, विचार एवं कर्म, मानव एवं प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। यह स्वास्थ्य एवं कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। योग केवल व्यायाम नहीं है बल्कि स्वयं के साथ-साथ विश्व और प्रकृति के साथ एकत्व खोजने का भाव है।

इस अवसर पर योग आयोग के अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा ने कहा कि योगाभ्यास केवल औपचारिकता न रहे बल्कि इसे अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाना चाहिए। योग आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ में अनेक स्थानों पर नियमित रूप से नि:शुल्क योग शिविर आयोजित किये जा रहे हैं।योगाभ्यास में राजभवन के अधिकारियों, कर्मचारियों ने उत्साह से भाग लिया।