अति नक्सल प्रभावित सुकमा जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने किया कमाल

युवक के हाथ की सफल सर्जरी करते हुए हाथ को कटने से बचा लिया

अति नक्सल प्रभावित सुकमा जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने किया कमाल

सुकमा : छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के डॉक्टरों ने प्लांट में काम करने के दौरान बुरी तरह से क्रश हो चुके एक युवक के हाथ की सफल सर्जरी करते हुए हाथ को कटने से बचा लिया। मशीन में फंसने की वजह से युवक के कोहनी की मांसपेशियां पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी थी। हाथ को काटने की नौबत आने के बाद सुकमा जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने समय पर जटिल सर्जरी कर युवक के हाथ को काटे जाने से बचा लिया। कुल छह (3 मेजर और 5 माइनर) सर्जरी के बाद आज युवक का हाथ पहले की तरह काम करने लगा है। ऐसे में सुकमा जिला अस्पताल पूरे बस्तर संभाग में प्लास्टिक सर्जरी करने वाला पहला अस्पताल बन गया है।

सुकमा जिला मुख्यालय में दो मई को 16 साल के युवक का हाथ काम करने के दौरान प्लांट में फंसने से बुरी तरह से जख्मी हो गया था। प्लांट में काम करने वाले मजदूरों ने युवक को सुकमा जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जिला अस्पताल के सर्जन डॉ अनमय बिड़वाई और डॉ रमा मिश्रा ने बेहद जटिल सर्जरी कर युवक को अपंग होने से बचा लिया। डॉक्टरों के अनुसार कोहनी और फोरआर्म्स में 5 इंज्यूरी थीं और मांसपेशियां बुरी तरह से फट गई थी। क्षतिग्रस्त नर्व सिस्टम को रिपेयर किया गया। जख्म वाले हिस्से पर सर्जरी कर स्किन ग्राफ्टिंग की गई। डॉक्टरों के संयुक्त प्रयास से युवक का हाथ एक महीने में फिर से काम करने लगा है।

जानकारों के अनुसार ऐसे जटिल ऑपरेशन में निजी अस्पताल में करीब 10 लाख रूपए खर्च होता। वहीं जिला अस्पताल में ये ऑपरेशन बिना खर्च के हो गया। जिला अस्पताल में ऐसे जटिल ऑपरेशन के सफल होने के चलते अब नक्स्ली हमले में घायल जवानों के भी यहां सफल इलाज की उम्मीदें जागी हैं। युवक के पिता लालू मंडावी ने बताया कि उन्हें उम्मीद ही नहीं थी कि उनके बेटा का हाथ दोबारा काम करेगा। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने नि:शुल्क इलाज कर बच्चे को अपंग होने से बचा लिया है।