लाला लाजपत राय की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया

इंकलाब मंदिर में महान क्रांतिकारी लाला लाजपतराय का जन्म दिवस मनाया गया। इस अवसर पर स्कूली बच्चों के साथ एडवोकेट वरयाम सिंह ने लाला लाजपत राय की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इन्कलाब मन्दिर के संस्थापक एडवोकेट वरयाम सिंह ने बताया कि क्रांतिकारी लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1865 को पंजाब के फिरोजपुर जिला में हुआ था।

लाला लाजपत राय की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया

रादौर- इंकलाब मंदिर में महान क्रांतिकारी लाला लाजपतराय का जन्म दिवस मनाया गया। इस अवसर पर स्कूली बच्चों के साथ एडवोकेट वरयाम सिंह ने लाला लाजपत राय की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इन्कलाब मन्दिर के संस्थापक एडवोकेट वरयाम सिंह ने बताया कि क्रांतिकारी लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1865 को पंजाब के फिरोजपुर जिला में हुआ था।

1905 में उत्तर प्रदेश के वाराणसी नगर में हुए एक अधिवेशन में लाला लाजपतराय ने लोगों की अन्तर्रात्मा को झकझोर दिया। इससे अंग्रेजों की जी हुजूरी करने वाले कुछ राजनीतिक नेताओं में एक नए समूह का उदय हुआ, जो 'गरम दल के नाम से प्रख्यात हुआ। जिसमें महाराष्ट्र के बाल गंगाधर तिलक और बंगाल से विपिन चन्द्र पाल भी शामिल हो गये। इस प्रकार यह दल लाल, बाल, पाल के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

उन्होंने हिन्दू समाज में फैली वंशानुगत पुरोहितवाद, छुआछूत, बाल विवाह जैसी कुरीतियों का प्रखर विरोध किया। वे विधवा विवाह, नारी शिक्षा, समुद्र यात्रा आदि के प्रबल समर्थक थे। लाला जी ने युवकों को प्रेरणा देने वाले जोसेफ मैजिनी, गैरीबाल्डी, शिवाजी, श्रीकृष्ण एवं महर्षि दयानन्द की जीवनियाँ भी लिखीं। 1905 में अंग्रेजों द्वारा किये गये बंग भंग के विरोध में लाला जी के भाषणों ने पंजाब के घर-घर में देशभक्ति की आग धधका दी। तब राष्ट्र जनता ने उन्हें 'पंजाब केसरी के नाम दिया। इस अवसर पर मास्टर रत्न सिंह, इसरार, अकरम, शुभम, नवदीप, मनजीत, आइसा, रुकसाना, माही, गुरुनुर सिंह, कविता आदि मौजूद रही।