दो हजार रुपए के नोट पर रोक केंद्र सरकार की एक और नोटबंदी : जदयू

नोटबंदी से आतंकवाद खत्म हो जाएगा साथ ही देश से नक्सलवाद भी समाप्त हो जाएगा

दो हजार रुपए के नोट पर रोक केंद्र सरकार की एक और नोटबंदी : जदयू

पटना : बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने रिजर्व बैंक के दो हजार रुपए के नोट के वापस लेने के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए आज कहा कि यह केंद्र सरकार की एक और नोटबंदी है। जदयू प्रवक्ता सह पूर्व विधायक मंजीत कुमार सिंह और प्रवक्ता अभिषेक झा ने शनिवार को केंद्र सरकार की ओर से अचानक 2000 रुपए के नोट के इस्तेमाल पर रोक लगाने के फैसले की तीखी आलोचना की और इसे दूसरा नोटबंदी करार दिया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में हुई नोटबंदी के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि इससे काले धन का पता लगाने में मदद मिलेगी, नोटबंदी से आतंकवाद खत्म हो जाएगा साथ ही देश से नक्सलवाद भी समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जदयू केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार से यह पूछना चाहता है कि 2016 की नोटबंदी से कितना काला धन का पता लगाया जा सका, नोटबंदी के चलते देश से कितना आतंकवाद और नक्सलवाद खत्म हो सका।

प्रवक्ताओं ने केंद्र की भाजपा सरकार से इस मामले में कुछ सवाल पूछा कि 2016 की नोटबंदी से केंद्र की भाजपा सरकार ने कितना काला धन का पता लगाया और अगर पता चला तो उसके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई। पहली नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार ने दावा किया था कि इससे देश में आतंकवाद की समस्या खत्म हो जाएगी। केंद्र सरकार बताए कि पहली नोटबंदी के बाद देश से कितना आतंकवाद खत्म हुआ। 2016 की नोटबंदी के दौरान केंद्र सरकार का दावा था कि इससे देश में नक्सलवाद पर गहरी चोट की जा सकेगी। पहली नोटबंदी से देश से क्या नक्सलवाद खत्म हो गया? सिंह और श्री झा ने पूछा कि वर्ष 2016 की नोटबंदी के दौरान आम आदमी बुरी तरह परेशान हुआ था। बैंकों की लाईनों में लगने वाले कई लोगों की जान भी गई थी। अब केंद्र सरकार ने एक बार फिर से 2000 रुपए के नोट के चलन को बंद कर दिया है। ऐसे में क्या इस बार भी लोगों को बैंकों की लाईनों में खड़ा रहना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों से आम लोग बुरी तरह परेशान हैं। केंद्र सरकार बिना किसी जानकारी के अपनी बातों को लोगों पर लाद देती है जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।