कांग्रेस ने सिंधिया के नाम लड़ा चुनाव और कमलनाथ को बना दिया सीएम
शिवराज बोले, किसी की मेहरबानी से हम सरकार नहीं चला रहे
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भोपाल : मध्यप्रदेश में वार-पलटवार का दौर लगातार जारी है। मध्यप्रदेश में इस साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। चुनावी साल में राजनीति भी जबरदस्त तरीके से हो रही है। दूसरी ओर कांग्रेस लगातार यह दावा कर रही है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से भाजपा सत्ता में आई। इसी को लेकर अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। शिवराज ने साफ तौर पर कह दिया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में रहते तो कितना अपमान सहते। अपने बयान में उन्होंने कहा कि आखिर कांग्रेस में कितना अपमान सहते। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि चुनाव लड़ा ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम पर और बुजुर्ग कमलनाथ जी को मुख्यमंत्री बना दिया।
शिवराज ने अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि सरकार भी कमलनाथ जी नहीं पीछे से दिग्गी राजा(दिग्विजय सिंह) चला रहे थे...अगर वो गलत लोग होते तो जनता हजारों वोटों से कैसे जीता देती। उन्होंने हुंकार भरते हुए कहा कि किसी की मेहरबानी से हम सरकार नहीं चला रहे। उन्होंने इस्तीफा दिया, चुनाव लड़ा और शान से जीतकर आए। कांग्रेस में छोटेपन की होड़ लगी हुई है। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पार्टी के पूर्व नेताओं - गुलाम नबी आजाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया- पर तंज कसते हुए कहा था कि कांग्रेस पर हमला करना दोनों के लिए शर्मनाक होना चाहिए क्योंकि पार्टी ने उन्हें सब कुछ दिया जब वे संगठन में थे।
सिंधिया ने मार्च 2020 तथा आजाद ने अगस्त 2022 में कांग्रेस छोड़ दी थी। राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले सिंधिया बाद में सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बने जबकि आजाद ने डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी नाम से राजनीतिक दल बनाया है। इससे पहले शिवराज ने कहा था कि राहुल जी को अपनी गलती स्वीकार कर ओबीसी वर्ग से माफी माँगनी चाहिए। पूरे देश का विश्वास न्यायपालिका में है। कांग्रेस के नेताओं को न्यायपालिका का अपमान नहीं करना चाहिए।