पंजाब के पूर्व मंत्री अरोड़ा की मुश्किलें बढ़ी

विजिलेंस ने होशियारपुर में महलनुमा कोठी की पैमाइश की, 2017 में मंत्री बनने के बाद बनवाई

पंजाब के पूर्व मंत्री अरोड़ा की मुश्किलें बढ़ी

जालंधर-पंजाब विजिलेंस लगातार होशियारपुर से पूर्व कांग्रेस मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा पर शिकंजा कसती जा रही है। पहले विजिलेंस के अधिकारियों को 50 लाख रुपए की रिश्वत देने के मामले में पकड़ा, फिर उन पर इंडस्ट्रियल प्लॉट घोटाले का केस चल पड़ा। अभी इन दो मामलों से छुटकारा भी नहीं हुआ था कि अब विजिलेंस उनकी कोठी की पैमाइश करने पहुंचने गई है। विजिलेंस को कोठी में भी भ्रष्टाचार का पैसा लगा होने की बू आ रही है। विजिलेंस की टीम ने फीता पकड़ कर सारे घर की पैमाइश की है। यहां तक कि घर में कौन-कौन सी महंगी चीज लगी है, इसकी भी एक लिस्ट तैयार की है। विजिलेंस ने रसोई से लेकर बाथरूम-बैडरूम मे फ्लोर से लेकर छत कर सारी चीजें नोट की है। बता दें कि इंडस्ट्रियल प्लॉट घोटाले और 50 लाख रुपए की रिश्वत देने के मामले फंसे पूर्व मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने मंत्री बनने के बाद होशियारपुर में महलनुमा घर बनाया था। विजिलेंस अब इस संपत्ति को भी घोटालों और भ्रष्टाचार की कमाई से जोडऩे जा रही है।

प्लॉट घोटाले में गिरफ्तार

विजिलेंस ब्यूरो ने 50 लाख रिश्वत देने के मामले में रोपड़ जेल में बंद पूर्व मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा को पिछले महीने प्रोडक्शन वारंट पर लाकर इंडस्ट्रियल प्लाट घोटाले में गिरफ्तार किया था। विजिलेंस ने पूर्व मंत्री को प्लाट घोटाले पकड़े गए आठ अन्य आरोपियों के सामने बैठा कर पूछताछ की थी। मोहाली कोर्ट से विजिलेंस ने पूर्व मंत्री का एक दिन का रिमांड लिया था।

फाइल के पन्ने किए थे गायब

विजिलेंस मोहाली इंडस्ट्रियल एरिया फेज-नौ स्थित उस जगह की जांच कर रही है जो गुलमोहर रियल एस्टेट कंपनी को कांग्रेस शासन के दौरान टाउनशिप बनाने के लिए दे दी थी। इस मामले में तत्कालीन कार्यकारी डायरेक्टर एसपी सिंह भी विजिलेंस के शिकंजे में हैं। टाउनशिप के लिए जो फाइल बनाई गई थी और अप्रूव हुई थी उसमें से दो महत्वपूर्ण दस्तावेज हटाकर उनमें दूसरे दस्तावेज लगाए गए हैं। यहां पर 1987 की डीड के अनुसार प्लॉट सिर्फ औद्योगिक उद्देश्य के लिए प्रयोग किया जा सकते थे। लेकिन गुलमोहर रियल एस्टेट कंपनी ने इस पर टाउनशिप बनाने का काम शुरू कर दिया।