राज्यपाल देवव्रत ने गांधीनगर में प्राकृतिक खेती का दायरा बढ़ाने पर एक बैठक की अध्यक्षता की

राज्यपाल आचार्य देवव्रत की अध्यक्षता में गुरूवार को आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में प्राकृतिक खेती का दायरा बढ़ाने पर विस्तृत चर्चा की गई

राज्यपाल देवव्रत ने गांधीनगर में प्राकृतिक खेती का दायरा बढ़ाने पर एक बैठक की अध्यक्षता की

गांधीनगर: गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत की अध्यक्षता में गुरूवार को आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में प्राकृतिक खेती का दायरा बढ़ाने पर विस्तृत चर्चा की गई।श्री देवव्रत ने इस समीक्षा बैठक में किसानों को प्राकृतिक कृषि अपनाने के लिए राज्य के प्रत्येक गांव में कम से कम एक प्राकृतिक कृषि मॉडल फार्म बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि किसानों को घर बैठे ही इसकी जानकारी प्राप्त हो सके तो कम खर्च पर लक्ष्यों की प्राप्ति की जा सकती है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण महिलाएं प्राकृतिक खेती का नेतृत्व करे, योग्य तालीम प्राप्त करें और अन्य किसानों को भी तालीम दे, यही समय की मांग है। महिलाओं की भागीदारी से प्राकृतिक कृषि महाअभियान में ज्यादा बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे। उपराज्यपाल ने किसानों को ज्यादा से ज्यादा तालीम देने और तालीम दे रहे विशेषज्ञों को ज्यादा बेहतर और उच्च स्तरीय तालीम प्राप्त करने का अनुरोध किया।

गुजरात में प्राकृतिक खेती अभियान तीव्र और प्रभावी बन चुका है, गौरतलब है कि अक्टूबर 2023 में 2,80,631 किसानों को उनके घर जाकर प्राकृतिक खेती की तालीम प्रादान की गई है और वर्तमान समय में राज्य के 8,84,273 किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं।गुजरात में 01 मई 2023 से राज्य सरकार ने प्राकृतिक खेती महाअभियान शुरु किया है। राज्य के सभी गांवों को 10-10 गांवों के क्लस्टर्स में बांटकर प्रत्येक क्लस्टर पर एक टेक्नीकल मास्टर ट्रेनर के रूप में कृषि विभाग के एक प्रतिनिधि और एक किसान को मास्टर ट्रेनर को लगाया गया है। इनके माध्यम से प्रगतिशील किसानों को घर बैठे तालीम दी जा रही है। तालीम दे रहे सभी किसानों, प्रतिनिधियों को पुन: तालीम देकर उन्हें आधुनिक पद्धतियों की जानकारी दी जा रही है। लगभग 41,279 किसानों के खेतों में जाकर मार्गदर्शन प्रदान किया गया है। पिछले छह महीने में 18.25,363 किसानों को प्राकृतिक खेती की व्यक्तिगत तालीम और मार्गदर्शन दिया गया है।

कलक्टर्स और जिला विकास अधिकारियों ने भी प्राकृतिक खेती का दायरा बढ़ाने के लिए जिलों में प्रभावी कामकाज शुरु किया है। अक्टूबर 2023 में ही कलक्टर्स, जिला विकास अधिकारियों ने गांवों में 34 रात्रि सभाओं का आयोजन करके 2,253 किसानों के साथ सीधी बातचीत की गई है। सभी जिलों में प्रतिमाह समीक्षा बैठक कर प्राकृतिक कृषि महाअभियान को ज्यादा गतिशील बनाने की कोशिश की जा रही है।प्राकृतिक खेती करने वाले किसान अपने उत्पाद बेच रहे हैं और सामान्य नागरिकों में भी प्राकृतिक कृषि उत्पाद खरीदने की सजगता उत्पन्न होने से प्राकृतिक कृषि उत्पादों की मांग बढ़ी है। कृषि उत्पाद खरीदने और बेचने वालों की सुगमता के लिए जिलों में प्राकृतिक खेत उत्पादों के विक्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। राज्य में वर्तमान समय में 892 विक्रय केंद्र कार्यरत हैं और ज्यादा से ज्यादा विक्रय केंद्र खोले जा रहे हैं।