तमिलनाडु के हितों की अनदेखी करते हैं मोदी : स्टालिन

कहा, श्री मोदी की चाल काम नहीं करेगी और लोग ऐसी रणनीति से धोखा नहीं खाएंगे

तमिलनाडु के हितों की अनदेखी करते हैं मोदी : स्टालिन

चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर प्रदेश के हितों की अनदेखी करने और बाढ़ राहत के लिए एक भी पैसा जारी किए बिना केंद्र की सत्ता में बने रहने के लिए राज्य का बार-बार दौरा कर लोकसभा चुनाव से पहले लोगों से वोट मांगने तथा यहां की वास्तविक मांगों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है।

श्री स्टालिन ने मयिलादुथुराई जिले में लोगों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं वितरित करने के बाद कहा कि श्री मोदी की चाल काम नहीं करेगी और लोग ऐसी रणनीति से धोखा नहीं खाएंगे। उन्होंने कहा, “उन्हें दौरा करने दीजिए। हमें कोई परेशानी नहीं है। लेकिन पहले केंद्र को बाढ़ राहत के लिए राज्य द्वारा मांगी गई धनराशि (37,000 करोड़ रुपये) जारी करने दीजिए और फिर वोट मांगने के लिए दौरा कीजिए।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री राज्य का दौरा कर सकते हैं, लेकिन साथ ही, उन्हें राज्य सरकार द्वारा रखी गई वास्तविक मांगों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने पिछले साल दिसंबर में दो आपदाओं चेन्नई और तीन पड़ोसी जिलों में और उसके बाद दक्षिणी जिलों थूथुकुडी, तिरुनेलवेली और तेनकासी में अभूतपूर्व बारिश के बाद बाढ़ राहत के लिए 37,000 करोड़ रुपये जारी करने के हमारे अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया।

श्री स्टालिन ने प्रधानमंत्री की यह कहते हुए आलोचना की कि एक रुपया भी जारी नहीं किया गया, लेकिन वह सत्ता बरकरार रखने के लिए तमिलनाडु की जनता से वोट चाहते हैं। उन्होंने जोर दिया कि वे तमिलनाडु के लोगों को धोखा नहीं दे सकते जो हमेशा 'द्रविड़ मॉडल' सरकार के पक्ष में खड़े हैं जो राज्य के अधिकारों और विकास के लिए काम करती है। उन्होंने 308.88 करोड़ रुपये की कुल लागत से लगभग 70 पूर्ण परियोजनाओं का वस्तुतः उद्घाटन करने और मयिलादुथुराई, नागापट्टिनम और तिरुवरुर जिलों में 80.62 करोड़ रुपये की 40 नई परियोजनाओं की आधारशिला रखने के बाद, उन्होंने 12,653 लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 143.46 करोड़ रुपये की कल्याण सहायता भी वितरित की।

श्री स्टालिन ने कहा कि सत्तारुढ़ द्रमुक राज्य में हर परिवार को लाभ पहुंचाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू कर रही है। इन योजनाओं का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए एक नयी पहल, 'नींगल नालामा' छह मार्च से शुरू की जाएगी। योजना के तहत, मुख्यमंत्री, मंत्री, सचिव और जिला कलेक्टर विभिन्न योजनाओं पर उनकी प्रतिक्रिया प्राप्त करने और आगे सुधार के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली सेवाएँ के लिए फोन कॉल के माध्यम से लाभार्थियों के साथ बातचीत करेंगे।