विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित

अदानी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग

विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित

नई दिल्ली : अदानी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग कर रहे विपक्षी दलों ने राज्यसभा में बुधवार को भी जबरदस्त शोर शराबा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही पहले दो बजे तक और फिर सोमवार यानी तीन अप्रैल तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। सभापति जगदीप धनखड़ ने सुबह के स्थगन के बाद दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू की विपक्षी दलों के सदस्य संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे। सभापति ने पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्री भूपेन्द्र यादव को वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक से संबंधित प्रस्ताव रखने को कहा। यादव ने हंगामे के बीच कहा कि लोकसभा ने वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2023 को व्यापक विचार विमर्श के लिए संसद के दोनों सदनों की संयुक्त समिति में भेजने का प्रस्ताव पारित किया है। इसके बाद उन्होंने इस विधेयक को संयुक्त समिति में भेजने और इसमें शामिल होने वाले सदस्यों से संबंधित प्रस्ताव रखा जिसे हंगामे के बीच ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गयी।

सभापति ने इसके बाद सदन में अव्यवस्था की स्थिति को देखते हुए कार्यवाही सोमवार यानी तीन अप्रैल के लिए स्थगित कर दी। सदन में गुरूवार को रामनवमी का अवकाश रहेगा और कार्य मंत्रणा समिति में बनी सहमति के अनुसार शुक्रवार को भी सदन में अवकाश रहेगा। इससे पहले सुबह भी कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस तथा विपक्षी दलों के सदस्य हंगामा करने लगे। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के सदस्य सभापति के आसन के समक्ष आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य काली पट्टी बांधकर आए थे। हंगामा देख सभापति ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी। उल्लेखनीय है कि संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के शुरू होते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच शुरू हुए टकराव ने गतिरोध का रूप ले लिया जिसके कारण पिछले दो सप्ताह में एक दिन भी कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल सकी है । सत्ता पक्ष ने जहां विदेश में देश के बारे में आपत्तिजनक बयान देने के लिए कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा वही विपक्षी दलों के सदस्य अदानी समूह से संबंधित मामले में जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग पर अड़े हैं। इस गतिरोध के चलते संसद की कार्यवाही लगातार बाधित रही है और एक दिन भी सुचारू रूप से नहीं चल सकी है।