गन्ने के रेट में नाममात्र बढ़ोतरी करके सरकार ने किया किसानों से मजाक : रणदीप आर्य

कहा : पिराई सत्र को नवम्बर माह से शुरू करवाये सरकार अन्यथा आंदोलन करेंगे किसान

गन्ने के रेट में नाममात्र बढ़ोतरी करके सरकार ने किया किसानों से मजाक : रणदीप आर्य
कैथल : गन्ना किसानों की मुख्य व्यापारिक फसल है, इस बार बीते वर्षो की अपेक्षा गन्ने की खेती अधिक है, प्रदेश के किसानों को मिलों मे गन्ने का उचित भाव नहीं मिल रहा है। बीते वर्षो में बहुत कम भाव बढ़ाया गया है जोकि नाकाफी है, जबकि चीनी रेट अच्छे है। ऐसे मे सरकार द्वारा गन्ने का भाव मे मात्र 14 रुपये की बढोतरी करके सरकार ने किसानो के साथ मजाक करने का काम किया है जबकि किसान 450 रुपए प्रति किवंटल की मांग कर रहे है। उपरोक्त शब्द भारतीय किसान संघ के प्रदेश प्रवक्ता रणदीप आर्य फरल ने बातचीत में व्यक्त किए।उन्होंने कहा कि जिस भी शुगर मिल के पास पिछले वर्षो की पेमंट बकाया है उसे तुरंत दिया जाए और गन्ना कानून के अनुसार उस बकाया पेमंट का ब्याज दिलाया जाए।
रणदीप आर्य ने कहा कि गन्ने का पराई सत्र जल्दी शुरू किया जाए क्योंकि इस बार गन्ने की पैदावार ज्यादा है और सीजन में पिराई सत्र काफी लंबे व गर्मी तक चलता है, उस समय खेत में लेबर की भी भारी कमी हो जाती है जिससे किसान को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। सभी शुगर मिलो को नवम्बर के पहले सप्ताह में शुरू किया जाए। भाकिसं प्रदेश कोषाध्यक्ष ने कहा कि डीएपी और यूरिया की ब्लैक करने वाले दुकानदारों पर जिला प्रशासन सख्त कार्रवाई करें क्योंकि गेहूं और सरसों की बिजाई के लिए इस्तेमाल होने वाली डीएपी की कमी के कारण किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन एक तरफ जहां डीएपी की कमी न होने के दावे कर रहा है, वहीं दूसरी ओर किसानों को आज भी खाद के लिए लाइनों में लगने और दुकानदारों की लूट का शिकार होना पड़ रहा है।