त्रिपुरा में हत्या के आरोप में वकील को 12 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

वकील को 12 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया

त्रिपुरा में हत्या के आरोप में वकील को 12 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

अगरतला: अगरतला एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को एक वकील को 12 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जो कथित तौर पर अदालत के क्लर्क अमित अचार्जी की हत्या में शामिल था।क्लर्क अमित की कोलकाता के एक अस्पताल में इसी साल पांच सितंबर को शहर के अदालत परिसर में अधिवक्ता गोपाल सिंह के नेतृत्व वाले एक समूह द्वारा हमला किए जाने के बाद मौत हो गई थी।पीड़ित के पिता दिलीप अचार्जी ने 23 सितंबर को पश्चिम अगरतला पुलिस थाने में अधिवक्ता गोपाल सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी। पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के तुरंत बाद अधिवक्ता सिंह अन्य चार आरोपियों के साथ भाग रहा था। लोगों के एक समूह द्वारा पकड़े जाने के बाद पुलिस ने रविवार को उसे शहर के एक बाजार से गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस ने आरोपी को सोमवार को अदालत में पेश किया और तीन दिन की पुलिस रिमांड मांगी, लेकिन अदालत ने पुलिस की याचिका खारिज कर दी और आरोपी को 24 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। हालांकि आरोपी अधिवक्ता ने पुलिस को बताया कि वह इस घटना में शामिल नहीं था।
रिपोर्ट के अनुसार, अगरतला रेलवे पुलिस थाने में दर्ज ड्रग पैडलिंग मामले के एक आरोपी को जमानत दिलाने के लिए एक वरिष्ठ वकील के पास 50,000 रुपये का अनुबंध था, लेकिन उसी पक्ष ने क्लर्क अमित के माध्यम से 10,000 रुपये में एक अन्य वकील से बातचीत की जिसके बाद यह विवाद शुरू हो गया।
पीड़ित अमित के पिता ने शिकायत की कि उनके पुत्र पर अदालत परिसर में कुछ वकीलों द्वारा बेरहमी से हमला किया गया था, लेकिन जब तक कि हमलावरों ने उसे लहूलूहान नहीं कर दिया तब तक कोई भी उसे बचाने के लिए आगे नहीं आया। पीड़ित के पिता ने कहा अगर समय पर अमित को अस्पताल ले जाया जाता तो उसकी जान बच सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उन्होंने कहा, “मुझे आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा, यहां तक ​​कि राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से भी संपर्क करना पड़ा।”
आरोपी अधिवक्ता के वकील शंकर लोध ने हालांकि दावा किया कि उनका मुवक्किल निर्दोष है और उसे अमित की मौत से कोई लेना देना नहीं है और न ही उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि मामले का मुख्य आरोपी गिरफ्तारी से बचता रहा है, यह बात पुलिस बेहतर जानती है।
उन्होंने दावा किया, ''अमित की मौत हुयी है, हत्या नहीं।''