गिले-शिकवे भुलाकर एक मंच पर दिखे येदियुरप्पा और कुमारस्वामी

निशाने पर कांग्रेस, कावेरी जल छोड़े जाने को लेकर भाजपा के धरने में शामिल हुए

गिले-शिकवे भुलाकर एक मंच पर दिखे येदियुरप्पा और कुमारस्वामी

बेंगलुरु : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन करने के कुछ दिनों बाद, जनता दल (सेक्युलर) नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के साथ मंच साझा किया और कावेरी जल छोड़े जाने को लेकर भाजपा के धरने में शामिल हुए। कावेरी जल मुद्दे पर बोलते हुए, कुमारस्वामी ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने में विफल रही है। वे अब राज्य के किसानों के जीवन के साथ खेल रहे हैं। यही कारण है कि जद (एस) और भाजपा दोनों विरोध कर रहे हैं। यह एक बड़ा संयोग ही है कि कुमारस्वामी और बीएस येदियुरप्पा एक मंच पर दिखाई दे रहे हैं। इसका कारण भाजपा के साथ जेडीएस का गठबंधन भी है।

दोनों ही दलों के गठबंधन को देखें तो यह पहली बार 2006 में हुआ था। 2004 के चुनाव में किसी को बहुमत नहीं मिली। जेडीएस और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई। 2006 में जेडीएस ने गठबंधन तोड़ लिया था और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली। उस वक्त कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने। लेकिन वादे के मुताबिक भाजपा को डेढ़ साल बाद मुख्यमंत्री पद देने से मुकर गए। उस समय मुख्यमंत्री बनने की बारी येदियुरप्पा थी। इसके बाद कर्नाटक में फिर से चुनाव कराने पड़े। वहीं, 2018 की बात करें तो कहीं ना कहीं भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनाकर जरूर उभरी थी। लेकिन सरकार बनाने से पीछे रह गई। उस वक्त भी येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बन गए। लेकिन जेडीएस ने उनका समर्थन नहीं किया और सरकार गिर गई। 

जद (एस) ने 2024 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी से मुकाबला करने के लिए 22 सितंबर को भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए से हाथ मिलाया था। जद (एस) नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद गठबंधन की घोषणा की। हालांकि, इसकी आलोचना भी हो रही है। इसी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करने का निर्णय उनकी पार्टी के सहयोगियों के साथ परामर्श के बाद लिया गया है। देवेगौड़ा ने कहा, ‘बीजेपी के साथ गठबंधन करने से पहले, मैंने हमारे 19 विधायकों और 8 एमएलसी की राय ली, जिन्होंने कहा कि जेडीएस को बीजेपी के साथ समझौता करने पर विचार करना चाहिए।’ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जद (एस) प्रमुख ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नहीं मिले हैं और वह पिछले 10 वर्षों में पहली बार गृह मंत्री अमित शाह से मिले हैं।